
विभागों ने बनाई बचाव की गलियां, धड़ल्ले से दौड़ रहे बजरी वाहन






खुलासा न्यूज,बीकानेर। प्रदेश में बजरी के अवैध परिवहन को रोकने के लिए संयुक्त टॉस्क फोर्स का कोई भी विभाग आगे आने को तैयार नहीं है। सरकार ने जब से संयुक्त विभागों के दल का गठन किया है, तभी से पुलिस विभाग ने बजरी परिवहन रोकने संबंधित मामलों में रूचि लेना बंद कर दिया है, जबकि अन्य विभागों ने नए-नए नियमों का हवाला देकर बचने के रास्ते बना लिया है। इस बात की पोल बजरी पर की गई कार्रवाईयों के आंकडे खोल कर रख दी है। इतना ही नहीं दर्ज मामलों में घायल हुए सरकारी कार्मिकों की संख्या इस बात पुष्टि कर रही है। गंभीर बात यह है कि प्रदेश में कहीं भी टॉस्क फोर्स बजरी के अवैध परिवहन को लेकर कोई भी रणनीति नहीं बनाई है। उल्लेखनीय है कि बजरी के अवैध परिवहन को रोकने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त विभागीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस फोर्स में जिले के वन विभाग, राजस्व विभाग, परिवहन विभाग, खनन विभाग व पुलिस के अधिकारियों व कार्मिकों का संयुक्त दल का गठित है। कभी-कभार बजरी के वाहनों को पकड़-धकड़ पर संयुक्त विभागीय टास्क फोर्स का विभाग अपनी उपलब्धियां बताते हुए दूसरे विभाग पर सहयोग नहीं करने का आरोप मढ़ देता है।
विभागों ने बनाई बचाव की गलियां
बजरी के अवैध परिवहन में बार-बार पुलिस संलिप्तता उजागर होने के बाद जब से संयुक्त टॉस्क फोर्स बनाई गई, तभी से पुलिस को छोड़कर अन्य विभागों ने इस कार्य को अतिरिक्त भार मानते हुए बचाव की गलियां बना ली है। बजरी के खनन व परिवहन को रोकने की सबसे अहम जिम्मेदारी वन विभाग की है। लेकिन प्रदेश के किसी भी जिले का वन विभाग बजरी संबंधित जानकारी जुटा पाने अब तक निष्किय साबित रहा है। इस दौरान विभाग ने बजरी की जांचने को प्रयोगशाला नहीं होने, कार्मिकों की कमी जैसी बाते कहते हुए पल्ला झाड लिया है। जबकि चर्चाओं में रहने वाली प्रदेश की पुलिस भी बैकफुट पर है। पुलिस ने भी सरकार के आदेशों का हवाला देते हुए नजर अंदाज करना शुरू कर दिया है। बजरी के परिवहन में पुलिस पर उंगली ना उठे इसके लिए जिले के अधिकंाश थाना पुलिस अपनी रोजनामचा में सूचना वन विभाग के अधिकारियों को देने की बात अंकित करने की औपचारिकता में जुटी हुई है। मामले में गंभीर बात यह है कि पुलिस के उच्चाधिकारियों का यह कहना है कि बजरी के संबंध में जिला पुलिस का कार्य केवल सूचना मिलने पर टॉस्क फोर्स को जाप्ता उपलब्ध कराने का है। जबकि राजस्व विभाग, खनन विभाग, परिवहन विभाग की ओर से आईपीसी धाराओं की शक्तियां नहीं होने का हवाला देकर बचाव की गली बनाए हुए है।


