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मोबाइल नही दिया तो नाडी में कूद कर दे दी जान

पाली। दिन हो या रात, दिनेश हर समय मोबाइल में गेम खेलता रहता था। ना तो पढ़ाई में ध्यान देता था और ना ही काम में। कई बार समझाया, लेकिन नहीं माना। आखिरकार मैंने उससे मोबाइल ले लिया। लेकिन, मुझे क्या पता था कि मेरा लाडला दिनेश मोबाइल ले लेने से नाराज होकर इतना बड़ा कदम उठा लेगा। काश! मुझे पता होता तो मैं उससे मोबाइल लेती ही नहीं। आज वह मेरी आंखों के सामने तो होता। ये कहते ही मृतक दिनेश की मां चैनादेवी की आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। ज्ञात रहे कि नया गांव निवासी आठवीं का छात्र दिनेश सांसी (16) पुत्र सुखाराम सांसी ने शनिवार को घर के निकट नाडी में कूद गया था। इससे उसकी मौत हो गई थी। वह उसकी मां के मोबाइल ले लेने से परेशान हो गया था। पढ़ाकर दिनेश को कमाने लायक बनाना चाहती थीं बकौल चैना देवीच् मैं तो बस इतना ही चाहती थी कि वह मेरी तरह गली-गली कचरा बीनता नहीं फिरे और पढ़ाई कर अच्छा आदमी बन जाए, ताकि कमाने लायक हो सके। इसलिए उसे पढ़ाई के लिए कहती थी तथा मोबाइल का उपयोग कम करने के लिए कहती थी। लेकिन लॉकडाउन में स्कूल बंद हुए तो उसका ज्यादातर समय मोबाइल पर गेम खेलने में ही बीतता था। थोड़ी देर पहले ही तो चाय पी थी मृतक दिनेश की मां चैनादेवी ने बताया कि उसकी मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए उसने शुक्रवार को मोबाइल लेकर छुपा दिया। उसने वापस मोबाइल मांगा लेकिन मैंने देने से इनकार कर दिया। शनिवार सुबह वह उठा। उसने चाय भी पी। घर से शौच जाने का कहकर वह निकला। बाद में जानकारी मिली की वह नाडी में कूद गया। मृतक की मां चैनादेवी व पिता सुखाराम सांसी ने कहा कि हमें पता होता कि वह ऐसा करेगा तो उससे कभी मोबाइल नहीं लेते।

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