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12 साल के बेटे की मां को 2.80 लाख में तो एक युवती को 70 हजार में बेचा

जबलपुर। जबलपुर की गरीब महिलाओं को राजस्थान में बेचने का मामला सामने आया है। आरोपी मजदूरी करने वाली महिलाओं को अधिक वेतन दिलाने का झांसा देकर राजस्थान ले जाते थे और वहां उनका सौदा कर देते थे। जबलपुर के छोटी लाइन फाटक स्थित बासू होटल का मैनेजर कोटा के एक मानव तस्कर से मिलकर यह धंधा कर रहा था।
पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी तीन महिलाओं को कोटा ले गए थे। एक को 2.80 लाख रुपए और दूसरी को 70 हजार रुपए में बेच दिया, लेकिन 23 वर्षीय विवाहित युवती को उसके सांवले रंग ने बिकने से बचा लिया। पीडि़त महिलाओं में एक ने मदनमहल में रेप व मानव तस्करी सहित विभिन्न धाराओं में तो दूसरी ने ग्वारीघाट में मानव तस्करी का केस दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार मऊगंज रीवा निवासी 31 वर्षीय महिला जबलपुर शहर के भूकंप कॉलोनी में रहकर बासू होटल में रोटी बनाने का काम करती थी। उसकी शादी 15 साल पहले हुई थी, लेकिन पति मारपीट करता था। महिला ने शादी के तीन वर्ष बाद ही पति को छोड़ दिया था। उसका एक 12 साल का बेटा है। अभी वह नानी के घर मऊगंज रीवा में है। होटल में उसे मजदूरी के तौर पर 200 रुपए मिलते थे।
200 रुपए दिहाड़ी पर होटल में बनाती थी रोटी, अधिक पैसे कमाने का लालच देकर ले गए कोटा
पीडि़ता के मुताबिक बासू होटल के मैनेजर अनिल बर्मन ने अपनी पत्नी ज्योति से उसका परिचय कराया था। ज्योति भी उसी होटल में काम करती थी। नवंबर 2020 में अनिल बर्मन ने पीडि़ता से कहा कि कब तक 200 रुपए में काम करती रहोगी, चलो कोटा वहां अच्छा पैसा मिलेगा। 20 जनवरी 2021 को ज्योति ने उससे कहा कि वह अपने बेटे को अपनी मां के पास भिजवा दे, जब कोटा में तुम्हारा काम सेट हो जाएगा तो बुला लेना। महिला ने रिश्तेदार अमर कुशवाहा के साथ बेटे को मऊगंज रीवा भिजवा दिया। 25 जनवरी को अनिल की पत्नी ज्योति ने उसे जबलपुर के तीन पत्ती चौराहे पर बुलाया और अपने घर ले गई। 26 को ज्योति उसे कोटा ले गई। वहां अनिल बर्मन और ग्वारीघाट निवासी शालिनी जैन (23), परसवाड़ा निवासी संतोषी मराठा मिली।
बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर को अन्य आरोपी बोलते हैं दादा
कोटा से सभी पीडि़ता को बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर के घर ले गए। वहां बलशाखा राजस्थान निवासी जमुना शंकर उसे देखने के लिए सुरेश ठाकुर के घर आया। पीडि़ता को देखकर जमुना शंकर बोला कि मुझे सौदा पसंद है। तब उसे पता चला कि काम दिलाने के बहाने उसका सौदा करने लाए हैं। उसे जमुना शंकर ने 2.80 लाख रुपए में खरीद लिया। रुपया उसने सुरेश ठाकुर को दिया। अपना कमीशन काटने के बाद सुरेश ने शेष रकम अनिल, संतोषी मराठा, ज्योति बर्मन को दे दी।
गिड़गिड़ाती रही, लेकिन आरोपियों ने धमकी देकर जाने को विवश कर दिया
पीडि़ता के मुताबिक वह गिड़गिड़ाती रही कि उसे गलत काम में मत डालो। आरोपियों ने धमकी दी कि जैसा जमुना शंकर बोल रहे हैं करो। वर्ना जान से मार देंगे, किसी को पता भी नहीं चलेगा। उसके 12 साल के बेटे को भी मारने की धमकी दी। डर और मजबूरी में वह जमुना शंकर के साथ बलशाखा गांव चली गई।
40 दिन नरक भोगी हूं, वो घर मेरे लिए खुली जेल था
पीडि़ता के मुताबिक जमुना शंकर के साथ बलशाखा में वह 40 दिन रही। वह पूरे घर का काम कराता था। उसे घर के बाहर जाने की मनाही थी। जमुना शंकर घर में ताला लगाकर ही बाहर जाता था। हर रात उसके साथ रेप होता था। वह घर उसके लिए खुली जेल थी, जिसमें उसे घर के अंदर ही घूमने की आजादी थी। इसके चलते वह तनाव में आ गई। उसने खाना-पीना छोड़ दिया। उसने जमुना शंकर को विश्वास में लिया। बोली कि एक बार बेटे के पास भेज दो। बेटे से मिलकर उसे भी अपने साथ लेकर लौट आऊंगी। जमुना शंकर ने छह मार्च को उसे कोटा ट्रेन में बैठाया। यहां सात मार्च को वह पहुंची।
7 मार्च को जबलपुर में शालिनी के पति संजय जैन के पास पहुंची पीडि़ता
कोटा में मुलाकात के दौरान शालिनी जैन ने पीडि़ता को अपने पति संजय जैन का मोबाइल नंबर दिया था। जबलपुर पहुंच कर पीडि़ता संजय जैन के घर पहुंची। वहां उसने आपबीती सुनाई। पीडि़ता ने ये भी बताया कि आरोपी उसकी पत्नी शालिनी जैन को भी बेचने कोटा ले गए हैं। उसके सांवले रंग के चलते उसका सौदा नहीं हो पाया।शालिनी की नानी का घर खारीघाट में है। परसवाड़ा भूकंप कॉलोनी निवासी संतोषी मराठा शालिनी को कोटा में मजदूरी दिलाने का झांसा लेकर 22 जनवरी को ले गई थी। शालिनी ने नानी सोनाबाई से झूठ बोला था कि वह कपड़े लेने जा रही है। इसके बाद वापस नहीं लौटी। 28 जनवरी को सोनाबाई ने उसकी गुमशुदगी ग्वारीघाट में दर्ज कराई थी। 11 मार्च को शालिनी जैन का भी पता चला, तब उसने आपबीती सुनाई।
ज्योति नाम की युवती को भी आरोपियों ने 70 हजार में बेचा है
शालिनी ने खुलासा किया है कि आरोपियों ने ज्योति नाम की युवती को भी 70 हजार रुपए में सुरेश सिंह ठाकुर के माध्यम से राजस्थान में किसी को बेचा है। अभी वह दस्तयाब नहीं हो पाई है। शालिनी का भी सौदा हो गया होता, लेकिन उसके सांवले रंग ने उसे बिकने से बचा लिया।

एक वर्ष पहले अनिल बर्मन बूंदी किला घूमने गया था, उसी दौरान सुरेश से हुई थी मुलाकात
ग्वारीघाट पुलिस ने इस मामले में अनिल, उसकी पत्नी ज्योति व संतोषी मराठा को हिरासत में लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि अनिल मूलत: सिहोरा का रहने वाला है। वह बासू होटल में मैनेजर है। वर्तमान में अली मंसूरी का मकान कटरा अधारताल में पत्नी ज्योति बर्मन के साथ रह रहा है। एक वर्ष पहले अनिल बूंदी का किला घूमने गया था।

उसी दौरान उसकी सुरेश सिंह ठाकुर से मुलाकात हुई थी। तब सुरेश ने अनिल को बताया कि राजस्थान में शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलती हैं। यदि वह जबलपुर से लड़कियां लाए तो उसे भी अच्छी खासी रकम मिल जाएगी। इसके बाद अनिल ने जबलपुर से कई गरीब युवतियों व महिलाओं को वहां बेचा है। पूछताछ में और खुलासे होने की उम्मीद है। आरोपी संतोषी बैरागी भी कटरा अधारताल में ही अली मंसूरी के मकान में रह रही है।
मदनमहल और ग्वारीघाट में दो स्नढ्ढक्र दर्ज हुई
शालिनी के बयान पर ग्वारीघाट पुलिस ने अनिल बर्मन (28), उसकी पत्नी ज्योति बर्मन, परसवाड़ा संजीवनी नगर निवासी संतोषी बैरागी और बूंदी कोटा राजस्थान निवासी सुरेश सिंह ठाकुर व अन्य के खिलाफ 370, 370 क, (2) 511, 34 का प्रकरण दर्ज किया है। वहीं 31 वर्षीय दूसरी पीडि़ता ने मदनमहल थाने में अनिल बर्मन, उसकी पत्नी ज्योति बर्मन, संतोषी मराठा, कोटा बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर और 2.80 लाख रुपए में उसे खरीदने वाले जमुना शंकर के खिलाफ धारा 342, 370, 376, 376 (2) (हृ) 114, 109 120बी 506, 34 भादवि का प्रकरण दर्ज कराया है।

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