
रीट अभ्यर्थी ध्यान दें, सिलेबस और अंकों को लेकर बड़े बदलाव






अजमेर। प्रदेश में तीन साल के लम्बे इन्तजार के बाद आयोजित की जा रही रीट परीक्षा के आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यह परीक्षा आगामी 25 अप्रैल को राज्य के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित होगी। लेकिन अभ्यर्थियों के लिए एक जरूरी खबर इसी परीक्षा से जुड़ी हुई है। ध्यान देनी वाली बात यह है कि इस बार होने वाली परीक्षा में सिलेबस और चयन प्रक्रिया सहित कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जो अभ्यर्थियों के परिणामों व चयन पर असर डालेंगे। आइए जानते हैं क्या हैं बड़े बदलाव और उसका कितना असर पड़ेगा चयन पर ….
आपको बता दें कि, इस बार आयोजित होने जा रही रीट की परीक्षा पिछली परीक्षाओं से बिलकुल अलग होगी। इस बार परीक्षा के नोटिस में बताया गया है कि इस बार एनसीटीई के निर्देशों को ध्यान में रखकर सिलेबस में बदलाव किया गया है। जारी सूचना के अनुसार, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के हवाले से कहा गया है कि इस परीक्षा के सिलेबस में राजस्थान के भूगोल, इतिहास और संस्कृति को जोड़ा गया है। जो कि बेहद जरूरी था। साथ ही इस रीट परीक्षा में पास होने के लिए जो न्यूनतम अंक तय थे, उनमे भी बड़े बदलाव किये गए हैं। जब पिछली बार 2017 में यह परीक्षा हुई थी तो नॉन टीएसपी (एसटी) अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 60% अंक अर्जित करना अनिवार्य था। लेकिन अब इसमें 05% की कमी कर दी गई है। इसे अलावा विधवा और ईएसएम वर्ग के लिए न्यूनतम अंक में 10% और दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 20% अंक कम कर दिए हैं। जबकि एससी, ओबीसी, एमबीसी, इडब्लूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए भी न्यूनतम अंकों में पांच फीसदी की कमी कर दी गई है।
इसके साथ ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने चयन मानदंडों में अंकों के वेटेज के वितरण में भी बदलाव किया है। इससे पहले अंक वेटेज, रीट परीक्षा में स्कोर पर आधारित था। शैक्षणिक योग्यता 70:30 अनुपात में थी। लेकिन अब अंकों के वेटेज को 90:10 के अनुपात में कर दिया गया है। स्नातक में प्रतिशत अंकों का वेटेज अब 10 अंकों का होगा।
रीट पास करने के लिए अब न्यूनतम अंक
1. सामान्य/अनारक्षित (टीएसपी/नॉन टीएसपी)- 60%
2.एसटी वर्ग (टीएसपी)- 36%, नॉन टीएसपी – 55%
3. एससी, ओबीसी, एमबीसी, इडब्लूएस- 55%
4. विधवा व परित्यक्ता महिलाएं, एक्स सर्विसमैन- 50%
5. दिव्यांग अभ्यर्थी- 40%
6. सहरिया जनजाति के अभ्यर्थी- 36%


