
ऊंटों की तस्करी के आरोप में दो गिरफ्तार






हनुमानगढ। जिले के गोगामेड़ी में ऊंट की तस्करी का मामला सामने आया है। यहां तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों के पास से आठ ऊंटनियां बरामद की गई हैं, जिन्हें काटने के लिए दिल्ली के बूचडख़ाने में ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से एक ट्रक व एक कार भी बरामद की गई। पुलिस के अनुसार, गश्त के दौरान दो युवकों को ऊंटनियों के साथ देखा। पुलिसकर्मियों ने उनसे पूछताछ की तो वे संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। इस पर दोनों को पकड़ कर गोगामेड़ी पुलिस थाने लाया गया। यहां कड़ाई से पूछताछ की गई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। गिरफ्तार किए गए लोगों में राजकुमार व सुनील जाट है। दोनों हरियाणा में भिवानी जिले के रहने वाले हैं।
पुलिस के अनुसार, दोनों ऊंटों को हरियाणा की तरफ ले जा रहे थे। कार उन्हें स्कॉर्ट कर रही थी। दोनों को पकड़ते ही कार चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि दोनों आरोपितों के खिलाफ पहले से ही राजस्थान ऊंट अधिनियम के तहत अलग-अलग मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस थाना अधिकारी सुरेश मील ने बताया कि इनके किसी नेटवर्क से जुड़े होने की संभावना है। इस बारे में जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि जंगली जानवरों, गायों और बैलों की तस्करी के बाद अब पशु तस्करों के लिए ऊंट मुनाफे का सौदा बन गया है। पिछले दो वर्षों में ऊंट की तस्करी इतनी बढ़ी है कि ट्रकों में भरभर कर इनकी सप्लाई की जा रही है। ऊंट तस्करी का यह नेटवर्क राजस्थान से शुरू होकर बांग्लादेश तक फैला हुआ है। ऊंट हरियाणा से ट्रकों में लादकर सड़क और जंगल के रास्ते पश्चिम बंगाल तक पहुंचते हैं। वहां इनका वध कर खाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। ऊंट तस्करी को इतना सिस्टम से चलाया जा रहा है कि पुलिस प्रशासन को भी पकडऩे में चुनौती आ रही हैं। जिन राज्यों से यह ट्रक गुजरते हैं वहां के तस्कर पॉयलट कर दूसरे राज्य की सीमा में इन्हें दाखिल करा रहे हैं। हालात यह हैं कि एक माह में तीन बार हिसार में राजस्थान से तस्करी के जरिए दूसरे राज्य में भेजे जा रहे 35 ऊंट पकड़े जा चुके हैं। हैरानी की बात है कि डिमांड केवल खड़े रहने वाले ऊंटों की है, बैठे ऊंटों को कम पसंद किया जाता है।


