
बीकानेर की इस सरकारी स्कूल में बच्चों से करवाई जाती है मजदूरी,देखे विडियो






खुलासा न्यूज,बीकानेर। यह सच्चाई देश में चर्चा का विषय भी बन चुकी है कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों में गरीबों व मजदूरों के बच्चे ही पढ़ते हैं। इस सच से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि निम्न आर्थिक स्थिति के कारण वह बड़े स्कूलों में नहीं पढ़ पाते। तो क्या इस श्रेणी के परिवारों के बच्चों के भाग्य में इन प्राथमिक स्कूलों में भी मजदूरी का ही काम करना लिखा है। स्कूल समयावधि के दौरान अपने शिक्षिका की स्कूटी साफ करते बच्चों को देखकर तो ऐसा ही लगता है। ग्रामीण कहावत है कि बड़े लोगों को बड़ा भाग्य तो स्वाभाविक है कि छोटे लोगों के भाग्य को भी छोटा ही कहेंगे। व्यक्ति के भविष्य की नींव इस कहावत से जरूर जुड़ती है। शिक्षा जीवन के अंधकार को दूर कर एक नया उजाला लाती है, लेकिन दुर्भाग्य है कि कुछ अपवाद को छोड़ कर यहां शिक्षा भी परिवार के जीवन स्तर के अनुसार ही मिलती है। बड़े लोगों के बच्चे कान्वेंट स्कूलों से अपने भविष्य की नींव रखते हैं तो मजदूरों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में टाट-पट्टी पर बैठकर भविष्य में तरक्की की राह ढूंढनी पड़ती है। इन बच्चों को यहां वह काम भी कई बार करने पड़ते हैं, जिन्हें करके उनके माता-पिता परिवार की जीविका चलाते हैं। ऐसे बहुत से उदाहरण सामने आते हैं, जिनमें इन सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों से स्क ूल में पढ़ाई के लिए बैठने से पहले झाड़ू से उस जमीन को साफ करना पड़ता है। कई उदाहरण तो ऐसे भी है जब बच्चों से मिड-डे मील के बर्तन भी साफ करवाए जाते हैं, लेकिन नोखा तहसील के राजक ीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कंवलीसर में प्राथमिक कक्षा के बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय में बुलाया जा रहा है शिक्षण और अध्यापन का तो पता नहीं पर एक शिक्षिका द्वारा बच्चों से स्कूटी धूलवाए जाने का वीडियो सामने आया है गांव वालों का कहना है कि यह शिक्षिका अक्सर बच्चों से अपनी स्कूटी धुलवाती है। पूर्व में ग्रामीणों द्वारा विद्यालय की प्रधानाचार्य को विद्यालय में बच्चों द्वारा इस प्रकार के कार्य करवाए जाने के बारे में अवगत करवाया गया तो प्रधानाचार्य ने ग्रामीणों को डांट डपट कर भगा दिया अब जब यह वीडियो गांव वालों के सामने आया तो सभी ग्रामीणों में रोष व्याप्त हैं।
https://youtu.be/BUk0nYoxsHk


