
हेल्थ इंस्पेक्टर से मारपीट मामले में मेयर के पति को लिया हिरासत में






जयपुर। नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर के पति और नगर परिषद के पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर की मुश्किल बढ़ गई हैं। हेल्थ इंस्पेक्टर से बदसलूकी मामले में पुलिस ने सोमवार को राजाराम को हिरासत में ले लिया है। आज राजस्थान हाईकोर्ट ने राजाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि इसी मामले में हाईकोर्ट ने 12 फरवरी को राजाराम को अंतरिम जमानत दे दी थी।
जानकारी के मुताबिक, नगर परिषद के हेल्थ इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने 2019 में 190 ठेका सफाई कर्मचारियों के स्थान पर 340 कर्मचारियों के वेतन बिलों पर हस्ताक्षर करने से मना किया था। इसके बाद मुकेश कुमार के साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई थी। इस पर मुकेश ने कोतवाली थाने में 13 नवंबर 2019 को राजाराम गुर्जर के खिलाफ केस दर्ज कराया था। राजाराम ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इसमें राजाराम की ओर से कहा गया कि उसे मामले में राजनीतिक मंशा के चलते फंसाया है। जबकि, राज्य सरकार ने उसे कथित घटना के बाद कर्मचारी को निलंबित भी कर दिया था।
इसके विरोध में शिकायतकर्ता के वकील रजनीश गुप्ता और चन्द्रगुप्त चौपड़ा ने कहा कि राजाराम गुर्जर आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में एक दर्जन मामले दर्ज हैं। इसके बाद मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एन.एस. ढड्ढा ने राजाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के आदेश आते ही करौली से आई पुलिस ने राजाराम को हिरासत में ले लिया और अपने साथ जयपुर से करौली ले आई।
4 महीने पहले मेयर बनी हैं सौम्या गुर्जर
मेयर सौम्या गुर्जर जयपुर नगर निगम ग्रेटर की पहली मेयर बनी है। नवंबर 2020 में हुए चुनावों में जयपुर नगर निगम ग्रेटर सीट पर चुनाव लड़कर पार्षद बनने और उसके बाद मेयर चुनी गई। पिछले माह मेयर ने एक बच्चे जन्म दिया था, जिसके बाद वे सुर्खियों में आई थी। क्योंकि बच्चा जन्म देने से 8 घंटे पहले तक और जन्म देने के 14 दिन बाद वह नगर निगम कार्यालय आई थी। अपने कतर्व्य के प्रति जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने मिसाल पेश की थी।


