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आखिर चिकित्सकों ने क्यों विरोध स्वरूप उठाई तख्तियां,जाने माजरा

खुलासा न्यूज,बीकानेर। देश भर में आई एम ए की तरफ से आयुर्वेद चिकित्सकों को कुछ माह के प्रशिक्षण के पश्चात 58 प्रकार की सर्जरी की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में भूख हड़ताल, धरना एवं प्रदर्शन हो रहा है। बीकानेर में भी सरकारी एवं प्राइवेट चिकित्सकों ने धरने के पश्चात हाथों में तख्तियां लेकर इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया।इस अवसर पर आई एम ए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ एस एन हर्ष ने केंद्र सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए इसे अव्यवहारिक बताया।आई एम ए के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ महेश शर्मा व प्रदेश सह सचिव डॉ राहुल हर्ष ने कहा कि हम आयुर्वेद के खिलाफ नही है बल्कि हम चाहेगेें की इस प्राचीन पद्धति की पवित्रता बनी रहे।
एस पी एम सी क्लब इंटरनेशनल के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अजीज अहमद सुलेमानी व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मधु सुदन व्यास ने चिकित्सा की अलग अलग अलग पद्धतियों के विकास एवँ अनुसंधान की आवश्यकता बताते हुए क्रॉस पैथी को किसी के भी हित में नहीं होना बताया।आई एम ए बीकानेर सिटी ब्रांच के अध्यक्ष डॉ अबरार पंवार एवँ सेवारत चिकित्सक संघ के महासचिव डॉ सी एस मोदी ने जोर दिया कि देश की सबसे प्राचीन पद्धति आयुर्वेद के बड़े चिकित्सालय और विश्विद्यालय की स्थापना हो ,ना कि मिक्सोपैथी को बढ़ावा दिया जाए जो कि आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा।आई एम ए सचिव डॉ नवल किशोर गुप्ता एवँ केंद्रीय प्रतिनिधि डॉ बी डी शर्मा ने सवाल किया कि आयुर्वेद चिकित्सक शल्य चिकित्सा करेंगे तो मरीज को ऐनस्थिशिया कौन देगा और सर्जरी के उपरांत पोस्ट ऑपरेटिव ईलाज किस पद्धति से किया जाएगा।एम पी एस के सचिव डॉ हरमीत सिंह ने इस मुद्दे को आमजन से जुड़ा हुआ बताते हुए आमजन को इसके नुकसान के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता बतायी।आई एम ए के संयुक्त सचिव डॉ एम ए दाउदी व डॉ जहाँगीर खान, डॉ एम एल गौर,डॉ रतन गौर, डॉ एस पी खत्री ,डॉ बसंती हर्ष ने भी अपने विचार रखे और आम जन को जागरूक करने की जरूरत बतायी।

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