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वाह रे व्यवस्था:कैंसर मरीजों की डायरी बनने में लगता है एक दिन

खुलासा न्यूज,बीकानेर। देश भर की कैंसर अस्पतालों में शुमार रखने वाले आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेन्टर में अव्यवस्थाओं का आलम है। यहां आने वाले मरीजों की बनने वाली डायरी में न केवल एक दिन का समय लगता है। बल्कि पूरा अस्पताल ही एक ऑकोलॉजिस्ट के भरोसे चल रहा है। जिससे यहां होने वाली थैरेपी व अन्य जांचें प्रभावित होती है। इसका बड़ा कारण यहां तय मापदंडों के अनुरूप कार्य नहीं होना है। प्रश्नकाल के दौरान आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर सेंटर में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर गरजते हुए लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने कहा कि यहां पदस्थापित एचओडी पर उम्रदराज हो चुके है,जो व्यवस्थाओं को संभाल नहीं पा रहे है। नियमानुसार कैंसर विभाग के एचओडी को सेन्टर का डायरेक्टर बनाना चाहिए। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। वहीं प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि एचओडी पर आपने उम्र की सीमा तय कर रखी है उसी के आयु के आधार पर कोई एचओडी व डायरेक्टर रह सकता है । चाहे वह डॉक्टर जूनियर हो या सीनियर। 68 साल का व्यक्ति उस सेंटर पर काम कर सकता है वह एचओडी या डायरेक्टर के पद पर कैसे रह सकता है ।

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