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चमोली में ग्लेशियर टूटने से तबाही, अभी तक मिले 3 शव, 150 के मारे जाने की आशंका

उत्तराखंड । उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही की आशंका है। इसके चलते अलकनंदा और धौली गंगा उफान पर हैं। पानी के तेज बहाव में कई घरों के बहने की आशंका है। आस-पास के इलाके खाली कराए जा रहे हैं। लोगों से सुरक्षित इलाकों में पहुंचने की अपील की जा रही है। इस आपदा में कम से कम 150 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। पीएम मोदी भी पल-पल की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत घटनास्थल पर रवाना हो गए हैं। मौके पर रेसक्यू टीम भी पहुंच चुकी हैं। प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के लिए सीएम ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से धौलीगंगा में बाढ़ आ गई है। इस बाढ़ से चमोली से लेकर हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों को नदी के किनारे से दूर ले जाने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि द्रोणागिरी ग्लेशियर फटने के बाद धौलीगंगा एक दम उफान पर आ गई। वहां के स्थानीय लोगों ने इससे जुड़ी कई सारी वीडियोज सोशल मीडिया पर शेयर की हैं, जिसमें नदी में आए उफान और पानी की गति को देखा जा सकता है। स्थानीय लोग इसे महाप्रलय कह रहे हैं। यहां जानिए इस बाढ़ से जुड़ी अब तक की जानकारी…
उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’, यहां पढ़े अबतक के अपडेट्स…
जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने से डैम टूट गया, कई लोगों के बहने की खबर।
चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट टूट गया।
सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंच चुके हैं।
एनडीआरएफ की तीन टीमें देहरादून के लिए रवाना कर दी गई हैं।
रेनी गांव में एसडीआरएफ और दमकल के बचावकर्मी की टीम पहुंच चुकी है।
मुख्यमंत्री ने मदद के लिए नंबर जारी किया है। 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुराने वीडियोज और फोटो ना शेयर करने की अपील की।
सभी जिलाधिकारियों को आपदा चेतावनी भेज दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत से फोन पर बात की। इसके अलावा आईटीबीपी के डीआईजी से भी बात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री से बात की।
ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार लापता हैं।
नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक किसी तरह की जनहानिक की कोई खबर नहीं है।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा कि ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी प्रभावित हुई है और बाढ़ के कारण बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा पुल बह गया है।
दिल्ली से देहरादून के बाद जोशीमठ तक 3-4 और टीमों को एयरलिफ्ट करने का आयोजन हो रहा है।
वायुसेना अधिकारी ने कहा कि देहरादून और आस-पास के क्षेत्रों में वायुसेना के दो एमआई-17 और एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर सहित तीन हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है।
राहत कार्यों को लेकर कैबिनेट सचिवालय में एक बैठक बुलाई गई है। बैठक में महानिदेशक और गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे।
200 से अधिक जवान स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है।
भारतीय सेना ने बाढ़ से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार और एनडीआरएफ का साथ देने के लिए हेलिकॉप्टरों और सैनिकों को तैनात किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे प्राकृतिक आपदा बताया। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि उत्तराखंड सरकार की हर मदद की जाएगी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि राज्य सरकार सभी पीडि़तों को तुरंत सहायता दें। कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएं।
ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
करीब 50-100 लोग लापता हैं। तीन शव बरामद किए गए हैं, कुछ घायलों को बचाया गया है। तपोवन-रैणी में बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।

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