
नया बिजली कनेक्शन लेना हुआ सस्ता, बिल को लेकर भी है खास खबर






जयपुर। राजस्थान में अब अविकसित कॉलोनियों (गैर विद्युतीकृत कॉलोनी) में बिजली कनेक्शन लेना सस्ता हो गया है। कनेक्शन शुल्क 50 फीसदी घटाया गया है। इसमें मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के लिए बिल्टअप या प्लॉट क्षेत्रफल के अनुरूप गणना होगी। अफोर्डेबल आवास और औद्योगिक इकाइयों के लिए के लिए कनेक्शन लोड वोल्टेज की सीमा बढ़ाई गई है। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने 16 साल बाद बुधवार को नया विद्युत सप्लाई कोड विनियम 2021 जारी कर दिया। इसमें डिस्कॉम्स के लिए नया विद्युत कनेक्शन देने की समय सीमा 30 से घटाकर 7 दिन कर दी। वरिष्ठ नागरिकों और विशेष योग्यजन को घर बैठे सेवा उपलब्ध कराने की अनिवार्यता की गई है।
कहां———कितना हुआ शुल्क
निकाय————पहले———अब
नगर निगम—— 200———100
नगर परिषद— 170 ——85
नगर पालिका— 150 — 75
ग्रामीण ——— 130 — 65
(अविकसित कॉलोनियों के लिए कनेक्शन दर रुपए प्रति वर्गगज)
वोल्टेज डिमांड सीमा बढ़ाई, खर्चा होगा कम
ग्यारह केवी के लिए वोल्टेज डिमांड सीमा 1500 केवीए से बढ़ाकर 2500 केवीए होगी। 33 केवी के लिए अभी वोल्टेज डिमांड सीमा 5000 केवीए है, जिसे बढ़ाकर 8000 केवीए कर दिया गया है।
घरेलू श्रेणी के कनेक्शन 7 दिन में देने होंगे
आयोग ने नए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत ही नए विद्युत कनेक्शन जारी करने की समय सीमा घटा दी है। अब मेट्रो शहरों में 7 दिन में, अन्य नगर पालिका क्षेत्रों में 15 दिन, ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन में कनेक्शन जारी करना होगा। सभी जगह घरेलू श्रेणी के लिए यह समय सीमा 7 दिन ही रहेगी।
इनके लिए प्रावधान का सरलीकरण
कॉलोनियां, टाउनशिप, ग्रुप हाउसिंग, कॉम्प्लेक्स, बहुमंजिला इमारत, बड़े भवन, औद्योगिक क्षेत्रों और फार्म हाउस योजना को सप्लाई के लिए प्रावधान का सरलीकरण किया गया है। डवलपर्स आवेदकों को कनेक्शन जारी करने की सुविधा के लिए विभिन्न चरण में काम पूरा करने की अनुमति दी गई है।
दो में शुल्क बढ़ोत्तरी, बाकी यथावत
लाइन एक्सटेंशन का शुल्क और प्रति कनेक्शन शुल्क बढ़ाया गया है। जबकि प्रीपेड मीटर के लिए सुरक्षा शुल्क 50 प्रतिशत घटाया है। अन्य मामलों में शुल्क नहीं बदला गया है।
ये भी प्रावधान
– सेल्फ मीटर रीडिंग।
– शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 72 घंटे में खराब मीटर बदलेंगे।
– वितरण निगम दो से अधिक प्रोविजनल बिल जारी नहीं कर सकेगा। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता तब तक बकाया भुगतान करने से इनकार कर सकता है जब तक की उसे वास्तविक रीडिंग के अनुसार बिल जारी नहीं किया जाता।
– डिस्कनेक्ट किए गए कनेक्शन पर नियत राशि जमा होने के छह घंटे के भीतर बिजली की आपूर्ति बहाल करनी होगी। सार्वजनिक अवकाश के दौरान भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।
– आवेदन ऑनलाइन जमा होंगे, हार्ड कॉपी की अनिवार्यता नहीं होगी। इसके लिए डिस्कॉम वेबपोर्टल और मोबाइल एप बनाएगा।
– सभी सेवाओं के लिए एक ही फार्म होगा। आवेदन पत्र के लिए कम्पयूटराइज्ड ट्रेकिंग व्यवस्था होगी।
– जहां उपभोक्ता या डवलपर ने सर्विस लाइन उपलब्ध कराई, ऐसे उपभोक्ता को कनेक्शन के लिए कम शुल्क देना होगा।
– उपभोक्ता अब उच्च टैरिफ श्रेणी से निम्न टैरिफ श्रेणी में कनेक्शन का रूपांतरण कर सकेंगे।
– कृषि उपभोक्ता राज्य सरकार की कृषि नीति के अंतर्गत ही आएंगे।
– सुरक्षा राशि वापसी के लिए अलग से प्रमाण की आवश्यकता नहीं होगी। जारी किए गए अंतिम बिल पर इंगित राशि को पर्याप्त प्रमाण के रूप में माना जाएगा। उपभोक्ता के अनुरोध पर डिस्कॉम नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी जारी करेंगे।
– मीटर जांच के समय उपभोक्ता से परीक्षा शुल्क नहीं लेंगे। बाद में बिल के माध्यम से उपभोक्ता से परीक्षण शुल्क लिया जाएगा।
– वितरण निगम मीटर की टेस्टिंग के लिए आवेदन मिलने के 15 दिन के भीतर मीटर की परीक्षण की व्यवस्था करेगा।
– उपभोक्ता को डिस्कॉम की प्रयोगशाला के अलावा किसी भी अन्य चिन्हित प्रयोगशाला में मीटर जांच कराने का विकल्प होगा। यदि प्रयोगशाला परीक्षण में मीटर सही पाया जाता है, तो उपभोक्ता द्वारा जमा किए गए परीक्षण शुल्क आगामी बिल के माध्यम से वापस किया जाएगा।
– वितरण निगम बिल जारी करने, देय राशि और नियत तारीख की सूचना व भुगतान के लिए दो रिमांइडर एवं भुगतान प्राप्ति के लिए एसएमएस अलर्ट भेजेगा।
– मल्टीपल कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के लिए केन्द्रीकृत भुगतान की सुविधा होगी।
– नए कनेक्शन करने के बाद दो बिलिंग साइकिल के भीतर पहला बिल जारी करना जरूरी होगा।
– स्थाई डिस्कनेक्शन पर विशेष पठन और नो-ड्यूज सर्टिफिकेट का प्रावधान किया गया है।
(इनमें केन्द्र सरकार द्वारा जारी नए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के प्रावधान शामिल किए गए हैं)


