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आखिर किसके आदेश से तोड़ा पट्टेशुदा मकान,जिम्मेदारों के जबाब सुन आप भी रह जाएंगे दंग

खुलासा न्यूज,बीकानेर। ऐसे तो सरकारी कामकाज को लेकर कार्मिक अपने वैसे तो अधिकारियों की सुनवाई नहीं करते। लेकिन करते है तो उनकी अनुपालना किस तरह करवाते है इसकी बानगी मंगलवार को देखने को मिला। जब नगर विकास न्यास की ओर से रामदेव नगर में सड़क चौड़ी करने के नाम पर पट्टेशुदा मकान पर ही बुलडोजर चला दिया। जिससे मकान मालिक का खासा नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई कौन कर पाएगा। इसके लिये मकान मालिक दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। जानकारी मिली है कि रामदेव नगर में शिकायत के बाद नगर विकास न्यास का दस्ता अतिक्रमण तोडऩे मंगलवार शाम पहुंचा। पीछे से कार्यवाही को अंजाम देता जब आगे की ओर आया तो यहां स्थित विमल कुमार सेठिया के मकान पर ही बिना किसी आदेश के बुलडोजर चला दिया। जबकि सेठिया को नगर विकास न्यास ने ही नियमानुसार 2006 में पट्टा जारी कर रखा है। ऐसे में सेठिया को बिना किसी इतला और नोटिस के उनके मकान को तोड़ दिया। जबकि उस समय इस मकान में किराएदार खेराज सियाग अपने परिवार सहित रह रहा है। जब सियाग ने न्यास के अधिकारियों से इस मकान के पट्टे होने की बात कही तो मौके पर पहुंचे कालूराम ने एक न सुनी और मकान में तोडफ़ोड़ की कार्यवाही जा रखी। सियाग का आरोप है कि जिस मकान को तोड़ा गया है। उसका पट्टा नियमानुसार नगर विकास न्यास ने ही बनाया है और किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है।
मैनें किसी पट्टेशुदा मकान को तोडऩे को नहीं कहा
इस संदर्भ में पीडि़त विमल कुमार सेठिया जब कलक्टर नमित मेहता से मिले तो उन्होंने पीडि़त सेठिया को कहा कि उन्होंने किसी पट्टेशुदा मकान को तोडऩे को नहीं कहा है। ऐसे में फिर न्यास के अधिकारियों की ओर से इस प्रकार की कार्यवाही किसके आदेशानुसार की गई और इसकी भरपाई आखिर कौन करेगा।
किसके पास पट्टा है तो किसी के पास नहीं
उधर पीडि़त पक्ष ने जब न्यास सचिव नरेन्द्र सिंह राजपुरोहित से मुलाकात कर अपनी शिकायत दी तो सचिव ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मौके पर पहुंचे न्यास दस्ते क्या पता की किसके पास पट्टा है और किसी के पास पट्टा नहीं। सचिव के इस जबाब के क्या मायने निकाले जाएं। क्या न्यास के कार्मिक हवा में ही तीर चला रहे है या फिर नियतन इस तरह की कार्यवाही करते है।
प्रदर्शन कर जताया रोष
अतिक्रमण तोडऩे में भेदभाव करने और सरकारी दस्तावेजों के आधार पर सड़क चौड़ी करवाने की मांग को लेकर आज वार्ड 7 के निवासियों ने पार्षद के नेतृत्व में प्रदर्शन कर यूआईटी सचिव को ज्ञापन सौंपा हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी मौजूद थें। इन सबकी मांग है कि आमजन के साथ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भूमाफियों और पंूजीपतियों के दबाव में भेदभाव किया जा रहा हैं। जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। इनकी मांग है कि रांका भवन से लेकर विनायक विहार तक तोड़े जाने वाले अतिक्रमण बिना भेदभाव तोड़े जावें। स्थानीय पार्षद बजरंग सोखल ने बताया कि कल यूआईटी क ा दस्ता यहां पर अतिक्रमण तोडऩे के लिए आया था। स्थानील लोगों के विरोध के बाद भी यूआईटी ने आमजन और गरीबों के आशियानों पर बुलडोजर चला दिया था जबकि पूंजीपतियों और धनी लोगों के अतिक्रमण बिना तोड़े ही दस्ता चला गया।पार्षद ने मांग की हें कि सरकारी दस्तावेजों में जो सड़क बताई जा रही हैं। उतनी सड़क आमजन के लिए की जावे फिर चाहे वो 40 फीट हो या फिर 30 फीट अन्यथा स्थानीय लोगों के सहयोग से धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।

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