बीकानेर रॉबर्ट वाड्रा मामले की नहीं हो पाई सुनवाई, अब 8 को होगी सुनवाई

बीकानेर रॉबर्ट वाड्रा मामले की नहीं हो पाई सुनवाई, अब 8 को होगी सुनवाई

 बीकानेर। बीकानेर में मनी लॉड्रिंग से जुड़े जमीन खरीदने और बेचने के रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले की गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई। पिछली बार भी समय अभाव के कारण सुनवाई नहीं हो पाई थी। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने का हाईकोर्ट में आवेदन कर रखा है। मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी। तब तक वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। इस मामले में 17 जनवरी को न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में सुनवाई पूरी नहीं हो पाई थी। आज भी अन्य मामलों की सुनवाई में अधिक समय लगने के कारण वाड्रा से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं हो पाई। आज एक बार फिर सिर्फ मामले को मेंशन किया गया और अगली सुनवाई 8 फरवरी तय कर दी गई।
कई बार टल चुकी है सुनवाई
बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े इस मामले में हाईकोर्ट में विभिन्न कारणों से सुनवाई कई बार टल चुकी है। इस मामले पर बहस भी शुरू नहीं हो पाई है। जबकि ईडी की तरफ से कई बार बहस शुरू करने का आग्रह किया जा चुका है। ऐसे में अब ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और सह आरोपी महेश नागर को हिरासत में लेकर पूछताछ की इजाजत मांग रखी है। ईडी का कहना है कि वाड्रा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की आवश्यकता है।

ईडी ने जांच शुरू की
मनी लॉड्रिंग से जुड़े इस मामले की ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी की पूछताछ से बचने के लिए वाड्रा लंबे अरसे से प्रयास करते रहे हैं। कई बार समन जारी करने के बावजूद वे ईडी के सामने पेश नहीं हुए। ईडी की सख्ती पर वाड्रा ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में अपील दायर कर पूछताछ पर ही सवालिया निशान लगाया। हाईकोर्ट ने वाड्रा को आदेश दिया कि वे अपनी मां मौरिन के साथ ईडी के समक्ष पेश होकर उसके सवालों का जवाब दें। इसके बाद वाड्रा जयपुर में ईडी के समक्ष पेश हुए थे।

क्या है पूरा मामला
2007 में वाड्रा ने स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी की शुरुआत की। रॉबर्ट और उनकी मां मौरीन इस कंपनी के डायरेक्टर बनाए गए। बाद में कंपनी का नाम बदलकर स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड लायबिलिटी कर दिया गया। रजिस्ट्रेशन के वक्त बताया गया था कि ये कंपनी रेस्टोरेंट, बार और कैंटीन चलाने जैसे काम करेगी।

वाड्रा की कंपनी ने 2012 में बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपए में खरीदी। बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आवंटित की गई थी। यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वाड्रा की कंपनी को बेच दिए।

यह जमीन सेना की थी और इसका बेचा नहीं जा सकता था। इन लोगों के माध्यम से ही वाड्रा ने क्षेत्र के कुछ गांवों में और जमीन खरीदने का प्रयास किया, लेकिन मामला आगे बढ़ नहीं पाया। फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया। ईडी ने इस मामले में कुछ स्थानीय अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी है। उनकी मिलीभगत से कुछ लोगों ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराए।

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