
नशे की बड़ी खेप के साथ युवक को पकड़ा






श्रीगंगानगर। अजमेर से आई नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो की टीम व बीएसएफ की खुफिया विंग ने संयुक्त रूप से नाकेबंदी कर एक युवक को नशे की 43800 गोलियों सहित पकड़ा है। बीएसएफ और एनसीबी की यह इस साल की नशा तस्करों पर जिले में पहली और बड़ी कार्रवाई है। यह कार्रवाई सोमवार सुबह अनूपगढ़ से घड़साना के बीच नेशनल हाईवे 911 पर 281 हैड बस स्टैंड पर की। आरोपी के खिलाफ एनसीबी की ओर से रावला थाना में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
बीएसएफ खुफिया विंग के सहायक कमांडेंट जितेंद्र नागल व अजमेर एनसीबी के इंस्पेक्टर मुकेशकुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि आरोपी 13 एमएलडी बी निवासी 37 वर्षीय वेदप्रकाश पुत्र रामकुमार को एनडीपीएस एक्ट में प्रतिबंधित घटक की 43800 गोलियों सहित काबू किया गया है। आरोपी बीकानेर से उक्त नशे की गोलियों की खेप को लेकर आया था।
उसे कोई कार 281 हैड के पास छोड़कर चली गई। आरोपी को कोई अन्य कार लेने आने वाली थी। इससे पहले ही टीम ने आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी के बारे में बीएसएफ और एनसीबी ने संयुक्त रूप से जानकारी जुटाई थी। टीम अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के यहां आने की गुप्तचरों से पक्की सूचना के बाद नाकेबंदी की गई थी। धुंध अधिक होने के कारण आरोपी को छोड़कर गया गाड़ी के चालक का पता नहीं चल पाया। आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह करीब 10 वर्षों से घड़साना और अनूपगढ़ क्षेत्र में नशे की गोलियों की सप्लाई दे रहा है।
आरोपी ने 9 साल तक सूरतगढ़ के जानकीदासवाला में व एक साल से बीकानेर के करणीसर में किया था मेडिकल स्टोर
बीएसएफ खुफिया विंग और एनसीबी अधिकारी ने बताया कि आरोपी वेदप्रकाश ने जानकारी दी है कि वह बीकानेर में करणीसर में एक साल से मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहा है। इससे पहले वह करीब 9 साल तक सूरतगढ़ के निकट जानकीदास वाला गांव में मेडिकल स्टोर चलाता रहा। आरोपी की खुद की डीफार्मेसी नहीं की हुई है बल्कि वह किसी लाइसेंस होल्डर फार्मासिस्ट का लाइसेंस किराए पर लेकर मेडिकल स्टोर चलाता आ रहा है।
उसने बताया कि वह काफी लंबे समय से दवाओं के खरीद-फरोख्त के कारोबार में है। इसलिए मेडिकल स्टोर की आड़ में अनूपगढ़ और घड़साना इलाके में नशे की गोलियों की सप्लाई करता आ रहा है। आरोपी वेदप्रकाश के पास से पकड़ी गई एनडीपीएस घटक की 43800 गोलियों का उनके डिब्बों पर लिखे के हिसाब से 8 लाख 38 हजार रुपए मूल्य बनता है। यह गोलियों की खेप गुडग़ांव की मोंटेक्स फार्मास्यूटिकल दवा निर्माता कंपनी की बनी हुई हैं। एक डिब्बे पर 192 रुपए मूल्य लिखा है। बीएसएफ और एनसीबी की ओर से पकड़ी गई नशे के काम ली जा रही इन गोलियों का उत्पादन दिसंबर 2020 में ही किया था। आशंका है कि आरोपी ने इस बैच की काफी मात्रा में गोलियों का ऑर्डर देकर निर्माण करवाया होगा। आरोपी दोगुने मुनाफे पर नशे की सप्लाई करता आ रहा था।


