
हर अमावस्या को कलेक्शन करती हैं,जरुरतमंद की करती है मदद; कोरोना में दिए थे ऑक्सीजन सिलेंडर






खुलासा न्यूज,बीकानेर। मंदिर में अन्न देना या फिर जरूरतमंद को गर्म कपड़े देना, गाय को चारा खिलाना या फिर अपने ही किसी परिचित व कमजोर को आर्थिक मदद कर देना। दान-पुण्य के इन तरीकों से हटकर बीकानेर की कुछ महिलाओं ने बड़ी सोच के साथ अनूठी पहल शुरू की। मकर सक्रांति पर आपको बीकानेर की ऐसी ही महिलाओं से रूबरू करवा रहे हैं।
यह सभी सामान्य महिलाएं हैं। अमावस्या को दान पुण्य करने की सोच के चलते इन्हें विचार आया कि पैसे इकट्ठा करके अपने ही घर वालों और बिना जरूरत के लोगों को कुछ न कुछ देने के बजाय असल जरूरतमंद के लिए काम करना चाहिए। फिर सिलसिला शुरू हुआ हर अमावस्या पर रुपए इकट्ठे करने का।
महिलाएं स्वेच्छा से रुपए एकत्र कर रही थी। इसी दौरान कोरोना संक्रमण फैल गया। अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर कम पडऩे लगे। ऐसे में इन महिलाओं ने अपने पास एकत्र रुपए से सात ऑक्सीजन सिले ंडर खरीदे और सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज को दान कर दिए। समिति से जुड़ी उर्मिला सोनी का कहना है कि इन सिलेंडरों से एक व्यक्ति की भी जान बची है तो हमारा असल दान पुण्य ये ही है।
पिछले दिनों जब एक विकलांग व गरीब स्टूडेंट का नीट परीक्षा से सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हुआ तो उसके पास फीस नहीं थी। करीब 70 हजार रुपए की जरूरत थी। इसमें करीब पचास हजार रुपए की व्यवस्था, इन्हीं महिलाओं ने की। इनके साथ जुड़ी महिला निर्मला विजयवर्गीय बताती हैं कि स्टूडेंट की फीस जमा नहीं होती तो उसका प्रवेश रद्द हो सकता था।अगर हमारे दान पुण्य के रुपए से उसको प्रवेश मिल गया तो इससे बड़ा काम नहीं हो सकता। सिंथेसिस संस्था के निदेशक जेठमल सुथार बताते हैं कि स्टूडेंट को इन महिलाओं ने ही नया जीवन दिया है। सहयोग नहीं मिलता तो शायद वो प्रवेश नहीं ले पाता। कई बार बीकानेर के वृद्धा आश्रम, अनाथ बच्चों के आश्रम में भी यह महिलाएं कुछ न कुछ काम करती नजर आती हैं।
एक कॉलोनी की हैं सभी महिलाएं
जयनारायण व्यास कॉलोनी के सेक्टर सात में रहने वाली इन महिलाओं का पड़ोस में ही एक दूसरे से संपर्क हुआ। बात बात में ही ऐसी संस्था शुरू करने का निर्णय कर लिया। इसमें अभी 40 से अधिक महिलाएं सदस्य हैं, जिसमें उर्मिला सोनी, निर्मला विजयवर्गीय, संतोष चौधरी, राजकंवर राठौड़, राजेश राजपुरोहित, सरोज शर्मा, रेणु भाटी, शिखा सोनी सहित अनेक हैं।


