
जारी हुआ प्राथमिक दुग्ध उत्पादक समितियों का चुनाव कार्यक्रम






जयपुर। प्रदेश की सहकारी समितियों में निर्वाचन का सिलसिला शुरू हो गया है। राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव का कार्यक्रम आज घोषित कर दिया है। दो से आठ चरणों में 7996 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक समितियों के चुनाव होंगे। प्रदेश के 28 जिलों की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में चुनाव करवाये जाने हैं। 18 जनवरी से 31 मार्च तक निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न होगी।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के मुताबिक निर्वाचन के तहत इन समितियों में संचालक मण्डल के कुल 95952 सदस्य चुने जाएंगे। इन चुने हुए सदस्यों में न्यूनतम 15992 महिलायें, 7996 एससी वर्ग और 7996 एसटी वर्ग के सदस्य होंगे।
कोरोना के चलते अटकी थी प्रक्रिया
अब तक कोरोना संक्रमण के चलते सहकारी समितियों के निर्वाचन की प्रक्रिया अटकी हुई थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारी समितियों के चुनाव समयबद्ध रूप से करवाने के निर्देश दिए थे। लेकिन पहले कोरोना संक्रमण और बाद में पंचायतीराज चुनाव के चलते प्रक्रिया में विलंब हुआ। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान कर लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण को स्थापित करने की है ताकि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति की सहभागिता सुनिश्चित हो सके।
इन समितियों में होने हैं चुनाव
जयपुर डेयरी के अधीन सबसे ज्यादा 2122 समितियों में चुनाव होंगे. जबकि बांसवाड़ा डेयरी के तहत सबसे कम 36 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में चुनाव संपन्न करवाए जाएंगे. सीकर-झुंझुनूं में 305 , झालावाड़-बारां में 48, कोटा-बूंदी में 344, उदयपुर में 274, चितौडग़ढ़ में 318, श्रीगंगानगर में 776, बीकानेर में 172, चूरू में 131, अजमेर में 662, नागौर में 376, टोंक में 184, भीलवाड़ा में 1092, जोधपुर में 106, पाली में 239, बाड़मेर में 50, जालोर में 154, भरतपुर में 56 और जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अलवर में 551 समितियों में चुनाव होंगे. सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के निर्वाचन प्राधिकारी राजीव लोचन ने कहा कि चुनाव कराने के लिए सहकारिता विभाग के कार्मिकों एवं अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम तय कर लिया गया है. निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है।


