
जाते हुए मेहरबानी, गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ विदा होगा 2020






खुलासा न्यूज,बीकानेर। साल 2020 को कोरोना संक्रमण के चलते हमेशा याद रखा जाएगा। यह साल जनता कफ्र्यू, लॉकडाउन, परीक्षाओं के टलने, धर्मस्थल, शैक्षिक कैंपस बंद होने के कारण चर्चित रहा है। लेकिन साल का अंतिम दिन यानि 31 दिसंबर शुभ संयोग बन रहा है।पौष कृष्ण प्रतिपदा यानि गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने से गुरु पुष्य योग बन रहा है। इस दिन स्वार्थ सिद्धी योग भी रहेगा। वहीं नया साल 2021 भी पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ होगा। यह सुख और समृद्धिदायक साबित होगा।
यह करें गुरु पुष्य नक्षत्र में
-गुरु पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य स्थाई होते हैं। खरीददारी के लिए यह नक्षत्र सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें किसी भी समय खरीददारी की जा सकती है।
-गुरु पुष्य नक्षत्र में भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-सृमद्धि और धन लाभ होता है।
-यह नक्षत्र बृहस्पति और शनि का प्रतिनिधित्व करता है। पूजा-अर्चना से दोनों ग्रहों की पीड़ा इस दिन दूर की जा सकती है।
-31 दिसंबर को गुरु पुष्य नक्षत्र में सत्यनारायण भगवान का पूजन भी कर सकते हैं। इस दौरान खरमास चल रहा होगा। लिहाजा रामायण पाठ, सत्यनारायण कथा, हवन-पूजन शुभ फलदायी होगा।
शुक्र के साथ पुष्य, बुद्धादित्य योग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 31 दिसंबर को शाम 7.47 बजे से गुरु पुष्य नक्षत्र शुरू होगा। यह 1 जनवरी 2021 को रात्रि 8.14 बजे तक रहेगा। ऐसे में नववर्ष की शुरुआत गुरु पुष्य नक्षत्र में होगी। एक जनवरी को शुक्रवार होने के साथ ही गुरु पुष्य नक्षत्र और बुद्धादित्य योग रहेगा। नई वस्तुओं, नए कारोबार के लिए पुष्य नक्षत्र को सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन कार, बाइक, स्कूटी, आभूषण खरीद सकते हैं। यह वर्ष शनि की युति और गुरु-राहु की परस्पर दृष्टि से कुछ आपदाओं से ग्रसित भी रहेगा।


