
पहली बार जब वोरा की आंखों में आ गया पानी






खुलासा न्यूज बीकानेर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिल भारतीय कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा का राजस्थान से गहरा रिश्ता था। इस धरती पर ही उनका नागौर जिला मुख्यालय में जन्म हुआ था और पुष्करणा समाज के कर्णधार वोरा ने अपनी बेटियों की शादी भी राजस्थान में की। उनके कुलदेव भैरू नाथ बाबा नागौर के निंबी जोधा में स्थापित है,जहां उनके दर्शनार्थ वे बराबर आते थे। बीकानेर में भी समाज की सेवा में उनकी अहम भूमिका रही है जोधपुर,फलोदी व नागौर में भी समाज सेवा में उन्होंने बहुत योगदान दिया। उन्होंने अपनी एकमात्र बहन गवरी देवी का विवाह बीकानेर स्थित तेलीवाड़ा में किया। इनकी बहन गौरा देवी ने बताया 20 दिसंबर को जन्मदिन था,जन्मदिन का समाचार पत्र पढ़ रही थी और जन्मदिन की उनको बधाई दी थी। लेकिन 21 तारीख को उनका निधन का समाचार सुनकर गवरा देवी बहुत दु:खी हो गई। गवरा देवी बताती है कि उन्होंने मुझे नया जीवन दिया। वे हमेशा मेरा बहुत ख्याल रखते थे इतने व्यस्त होने के बाद भी बहन को कभी नहीं भूले हर 8-10 दिन में एकबार फोन जरूर करते थे। अपने अनुभव को बांटते हुए गवरा देवी ने बताया कि एक बार में ट्रेन से बीकानेर से रायपुर जा रही थी कोटा के पास में चाय पीने के लिए उतरी थी। इसी दौरान ट्रेन छूट गई,मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और मैं अपने आप में खो गई। पूरे समाचार पत्रों टीवी चैनल में मेरी खबरें चलने लग गई सब मुझे ढूंढ रहे थे। यह खबर देख भाई की आंखों भर आई। मेरे भाई ने उस समय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को जानकारी दी। खोजबीन की गई मुझे कोटा में पुलिस ने खोज डाला एवं मुझे अपने भाई के पास दिल्ली पहुंचा दिया क्योंकि मै रेल छूटने के बाद असहज हो गई,मेरी बेटी व उसके छोटे बच्चों से मैं बिछड़ गई थी। मेरे भाई ने मुझे अपने परिवार के साथ मिला दिया वरना मैं आज तक भटकती रहती। मेरे भैया सचमुच देव पुरुष थे,वह हमेशा हर किसी की मदद करते थे पहचान नहीं हो तो भी उसकी मदद करते थे।


