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संभले नहीं तो एक क्लिक में उड़ जाएंगे खाते से रूपये

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जैसे जैसे सूचना तकनीक का दायरा बढ़ता जा रहा है, इससे जुड़े अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है। साइबर ठग सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिए लोगों से संपर्क कर उन्हें झांसे में लेकर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे हैं। चिंताजनक यह है कि राजस्थान में अभी पुलिस साइबर क्राइम इंनवेस्टिंग के मामले में काफी पीछे हैं। ऐसे में सतर्कता और लोभ नहीं आना ही ऐसे उपाय है,जिनके माध्यम से लोग साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। पुलिस और साइबर एक्सपर्ट के अनुसार जब से सोशल मीडिया के यूजर्स बढ़े हैं, लोगों की निजी जानकारियां काफी हद तक सार्वजनिक हो रही है।साइबर ठग इसका इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे है।
चौबीस घंटे में मिले सूचना दें तो बच सकते हैं ठगी से
साइबर एक्सपर्ट के अनुसार ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन में राशि 24 घंटे तक होल्ड पर रहती है। यदि सही समय पर संबंधित बैंक और पुलिस की साइबर सेल में सूचना दे दी जाए तो ठगी गई राशि वापस पीडि़त को मिल सकती है।
इस तरह बचें ठगी से
ठगी के बाद पैसा वापस लेने के लिए आपके बैंक खाते से आरोपी ने किस माध्यम से आहरण किया है और कहां किया है? इसकी जानकारी आवश्यक होती है। यह जानकारी बैंक उपलब्ध कराती है। बैंक से आसानी से जानकारी नहीं मिलती है, जिससे लोग परेशान होते हैं।
यह है समस्या
– नौकरी लगाने के नाम ठगी
– सिमकार्ड अपडेट करने के बहाने ठगी
– ऑनलाइन शॉपिंग में डिस्काउंट के बहाने ठगी
– जेवर चमकाने के नाम पर महिलाओं से ठगी
– रास्ते में हत्या-लूट होने का डर दिखाकर ठगी
– नोटों का बंडल गिराकर ध्यान भटकाना
– फर्जी ईमेल के माध्यम से ठगी
– डेबिट-क्रेडिट कार्ड रिचार्ज पाइंट से रिवार्ड का झांसा देकर ठगी
– मोबाइल मैसेज सर्विस के माध्यम से ठगी
– विदेश भेजने के नाम पर ठगी
– मेट्रीमोनियल वेबसाइट के माध्यम से संपर्क करके शादी का झांसा देकर पैसे की वसूली-फर्जी आयकर अधिकारी बनकर ठगी
– मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर ठगी
ये हैं ठगी के तरीके
– फर्जी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम की गोपनीय जानकारी पूछकर ऑनलाइन ठगी करना
– एटीएम कार्ड बदलकर ठगी
– एलआईसी अधिकारी या इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बनकर ठगी
– फेसबुक फ्रेंड बनकर गिफ्ट देने और उसे छुड़ाने के नाम पर पैसा लेना
ठगी होने पर राशि वापसी के लिए यह करें
– ऑनलाइन ठगी का शिकार होते ही तत्काल पुलिस को सूचना दें।
– बैंक जाएं और खाता बंद कराएं।
– बैंक से आरआर नंबर और पैसा जहां गया है, उसकी जानकारी लें।
– बैंक से मिली जानकारी पुलिस या क्राइम ब्रांच को दें।
– ठगी की राशि किसी वॉलेट पर होगी, तो उसके वापस होने की सम्भावना अधिक होगी।
– ठगी के बाद पुलिस को सूचना देने और बैंक से जानकारी लेने में जितनी देरी होगी, उतना ही रिकवरी की गुंजाइश कम होगी।
इस तरह बचें ऑनलाइन ठगी से…
– मोबाइल में किसी को अपना एटीएम कार्ड का नम्बर न बताएं
-एटीएम कार्ड के सीवी नंबर की जानकारी न दें
– एटीएम कार्ड की वैलेडिटी बताने से बचें
– ओटीपी नम्बर किसी को न बताएं

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