
धनतेरस पर क्या है खरीदारी का शुभ मुहूर्त? पूजन विधि भी जान लें


















समुद्र मंथन के दौरान देवासुर संग्राम के वक्त भगवान धनवन्तरी (Dhanvantri) स्वर्णमयी कलश लेकर उत्पन्न हुए थे. तभी से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष तिथि को त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मानाया जा रहा है. शास्त्रों के मुताबिक, धनतेरस (Dhanteras 2020) के दिन नया सामान घर लाना बेहद शुभ माना गया है और इसका फल आपको अप्रत्यक्ष रूप से मिलता है. इस साल शुक्रवार, 13 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा.
ज्योतिषविद विनोद भारद्वाज का कहना है कि धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से बड़ा लाभ होता है. इतना ही नहीं, इस दिन खरीदारी करने का भी विशेष मुहूर्त होता है. शुभ घड़ी में सामान खरीदने से आपके घर में सुख-समृद्धि का प्रवेश होगा. घर में कभी पैसों की तंगी भी नहीं रहती है.
धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 27 मिनट का रहेगा. यह मुहूर्त 13 नवंबर को 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. इस शुभ घड़ी में आप अपनी जरूरत का कोई भी सामान खरीद सकते हैं. ऐसे में चांदी, झाड़ू या धनिया खरीदना काफी शुभ माना जाता है.
धनतेरस पर शाम 05 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 07 तक प्रदोष काल रहेगा. पूजा के लिए यही समय सबसे अधिक उत्तम रहेगा. यदि आप शुभ मुहूर्त में कुछ नहीं खरीद पाए हैं तो प्रदोष काल में खरीद सकते हैं. वृषभ लग्न के लिए इस मुहूर्त में खरीदारी बहुत ही शुभ मानी जा रही है.
संध्याकाल में उत्तर की ओर कुबेर तथा धनवन्तरी की स्थापना करें. दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जलाएं. कुबेर को सफेद मिठाई और धनवन्तरी को पीली मिठाई चढ़ाएं. पहले “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें. फिर “धनवन्तरीस्तोत्र” का पाठ करें. धनवन्तरी पूजा के बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पंचोपचार पूजा करना अनिवार्य है. भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के लिए मिट्टी के दीप जलाएं. उनके के चरणों में फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं. प्रसाद ग्रहण करें.
धनतेरस के दिन स्टील, एल्यूमीनियम, कांच, सेरामिक और लोहे की चीजें खरीदने से बचें. इस दिन नुकीली या धारदार चीचें भी न खरीदें. काले रंग की वस्तुओं की खरीदारी न करें. यदि आप कोई बर्तन खरीद रहे हैं तो उसे घर खाली न लेकर आएं.

