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भाजपा के गढ़ कोटा में कांग्रेस ने जीते दोनों महापौर, विवाद होने पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, कई कांग्रेसी घायल

कोटा। कोटा के दोनों नगर निगम में महापौर पद के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को करारी शिकस्त दी है। कांग्रेस ने भाजपा के गढ़ में दोनों महापौर पद जीत लिए हैं। भाजपा के गढ़ को ढहाते हुए दोनों निगमोंं में कांग्रेस प्रत्याशियों ने महापौर पद पर जीत दर्ज की है। कोटा उत्तर में कांग्रेस की मंजू मेहरा ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस की मंजू मेहरा ने भाजपा की संतोष बैरवा को हराया है। इसी तरह से कोटा दक्षिण में कांग्रेस के राजीव अग्रवाल महापौर निर्वाचित हुए हैं। कांग्रेस के राजीव अग्रवाल ने भाजपा प्रत्याशी विवेक राजवंशी को शिकस्त दी है। कोटा नगर निगम के चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली है। कांग्रेस ने निकाय चुनाव में भाजपा के गढ़ दक्षिण में ऐतिहासिक जीत दर्ज करके भाजपा को पछाड़ दिया था। पिछले चुनाव की तुलना में इस चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर क्षेत्र के साथ ही दक्षिण में भी भारी बढ़त लेते हुए 36 सीटों पर जीत के झंड़े गाड़ दिए थे। हालांकि भाजपा के पार्षद भी 36 सीटों पर ही जीत पाए थे। चुनाव में आठ निर्दलीय जीतने के कारण दक्षिण महापौर के चुनाव में पेंच फंस गया था। मतगणना के बाद से भाजपा व कांग्रेस के बीच घमासान मचा था। बाड़ेबंदी में निर्दलीय पार्षदों को जबरन ले जाने का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेसियों ने काफी हंगामा किया। मंगलवार को महापौर मतदान के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी लेखराज को बस से नीचे उतारने के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। लाठीचार्ज से कांग्रेस के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। चुनाव में निर्दलीय पार्षदों की भूमिका भी अहम रही है। कोटा उत्तर में कांग्रेस की जीत पहले से ही एकतरफा दिखाई दे रही है। कोटा दक्षिण को लेकर विवाद गहरा रहा था। कोटा दक्षिण के चुनाव के मतदान के दौरान एक निर्दलीय पार्षद को बचाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। कोटा उत्तर नगर निगम में महापौर के लिए मतदान को लेकर भाजपा की कोई रणनीति नहीं रही। इसलिए इस निगम में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला। भाजपा ने संतोष बैरवा को महापौर प्रत्याशी बनाया, लेकिन सोमवार तक कोई हलचल नहीं दिखी इस निगम में 70 में से भाजपा के 14 पार्षद जीते थे। यहां भाजपा धड़ेबंदी और गुटबाजी में बंटी रही। एक धड़ा यहां महापौर का प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं था। भाजपा का पूरा फोकस दक्षिण नगर निगम के महापौर को लेकर ही रहा।

पुलिस को दो बार लाठीचार्ज करना पड़ा
कोटा दक्षिण नगर निगम के महापौर चुनाव में पार्षदों के मतदान के दौरान निर्दलीय पार्षद को बस से उतारने को लेकर भारी घमासान मच गया। सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता बस के सामने खड़े होकर निर्दलीय पार्षद को नीचे उतारने का दबाव बनाने लगे। पार्षद को मतदान केन्द्र तक पहुंचाने के दौरान बिगड़ रही स्थिति को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को दो बार लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे कांग्रेस के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। कुछ कांगे्रसियों के सिर पर गंभीर चोटें भी आई है। जानकारी के अनुसार कोटा दक्षिण में निर्दलीय पार्षद लेखराज को लेकर भाजपा व कांग्रेस के बीच घमासान मचा था। लेखराज के पिता ने अपने पुत्र के अपहरण को लेकर पुलिस थाने में शिकायत दी थी। कांग्रेस ने इसको मुद्दा बनाते हुए भाजपा को घेरा था। मंगलवार को बाड़ेबंदी के पार्षदों को जब महापौर चुनाव के मतदान के लिए लाया गया, तब कांग्रेस के समर्थक निर्दलीय पार्षद लेखराज को भाजपा की बस से नीचे उतारने के लिए अड़ गए। कांग्रेसियों का आरोप था कि भाजपा ने दबावपूर्वक निर्दलीय को अपने कब्जे में ले रखा है, इनको बस से नीचे उतारा जाएं। इस दौरान पार्षद लेखराज के परिजन भी मौके पर आ गए और अपने बेटे से मिलने की जिद करने लगे। परिजन ने बेटे का अपहरण करने का आरोप लगाया। पुलिस ने मतदान से पहले किसी को पार्षद से मिलाने का इनकार कर दिया। भाजपा के कार्यकर्ता निर्दलीय को सीधे मतदान के लिए लेे जाने के लिए दबाव बना रहे थे। जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता इस मांग पर अड़े थे कि पार्षद को उनके परिजन से मिलने दिया जाएं। जोर आजमाइश में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का हुजूम बस के सामने पहुंच गया। पार्षद को मतदान केन्द्र तक नहीं पहुंचने देने की स्थिति में पुलिस भीड़ को हटाने लगी। इस पर भीड़ में शामिल लोग अधिक उग्र हो गए। स्थिति को काबू पर पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। महापौर चुनाव के दौरान सैकड़ों लोग नगर निगम भवन से लेकर सीएडी सर्किल तक जुटे रहे। पुलिस ने उनको खदेडऩे में खासी मशक्कत करनी पड़ी। घायल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। लाठीचार्ज के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अलावा कुछ भाजपा समर्थकों को भी हल्की चोटें आई हैं।<

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