
गर्भवती महिलाओं का कोरोना डर दूर करने वाली रिपोर्ट, एक्सपर्ट डॉ. सुमन बुडानिया से खास बातचीत






गर्भवती महिलाओं का कोरोना से डरने की जरूरत नहीं
-कोरोना का खौफ दूर करने वाली एक्सक्लुसिव रिपोर्ट,
– एक्सपर्ट डॉ. सुमन बुडानिया से खास बातचीत
– कोरोना संक्रमण से गर्भवती महिलाओं का डर
– कोरेाना काल में महिला सुरक्षा पर जागरूक करने वाली खास कवरेज
बीकानेर। जिले में दिनों-दिन कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति में महिलाएं काफी डरी-सहमी हुई है हॉस्पीटल जाने में, क्योंकि उनको गर्भधारण के दौरान कई टीके लगवाने पड़ते है। इस हालात में वह हॉस्पीटल इसलिए नहीं जा रही है, क्योंकि वहां जाने से कहीं उन्हें कोरोना न हो जाए। कोरोना वायरस संक्रमण से वास्तव में गर्भवती महिलाएं अपना बचाव कैसे करें, क्या करें। कब कौनसा और किस तरह का ट्रीटमेंट ले, ताकि खुद को सुरक्षित रख सके। कोरोना संक्रमण से गर्भवती महिलाओं का डर दूर करने के लिए हमने पीबीएम जनाना अस्पताल की प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमन बुडानिया से खास बातचीत की। डॉ. बुडानिया ने स्पष्ट किया है कि कोरोनाकाल में गर्भवती महिलाओं को डरने की जरा भी आवश्यकता नहीं है। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का आवश्यक रूप से पालन करें और अगर लक्षण नजर आ रहे है तो तुरंत प्रभाव से हॉस्पीटल में कोरोना की जांच करवाएं।
गर्भवती महिलाओं के कोरोना डर के सवाल
सवाल : गर्भवती महिला और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर संक्रमण का क्या असर होगा ?
अभी तक स्टडी में यह सामने नहीं आया कि मां से बच्चे में संक्रमण गया है। मां के पेट में यानि बच्चे के चारों और पानी होता है, उसमें कोरोना का कोई संक्रमण नहीं पाया गया।
सवाल : मां को संक्रमण हुआ तो क्या गर्भ में पल रहे बच्चे को भी संक्रमण हो जाएगा ?
अभी तक ऐसे कोई तथ्य नहीं मिले है। अगर मां को संक्रमण हो रखा है तो गर्भ में पल रहे बच्चे को संक्रमण नहीं होगा। अपने पीबीएम अस्पताल में भी ऐसी कई गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल व सिजेरियन डिलेवरी हुई है, जिनके बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। ऐसा कोई केस नहीं मिला कि बच्चा पॉजीटिव हो।
सवाल : अगर महिला गर्भवती है और वह संक्रमित है तो क्या वह बच्चे को ब्रेस्टफीड करवा सकती है ? अभी तक ऐसा कोई भी एविडेंस नहीं मिला है, जिसके कारण कि मां से बच्चे में वायरस ट्रांसफर होता है। आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कर सकते है और ऐसा करने से बच्चे को पूरी तरह से भरपूर पोषण मिलेगा और जिससे वो बीमार होने से भी बच पाएगा। ब्रेस्टफीड से पहले हाथों को सैनेटाइज जरूर करें और मुंह पर मास्क व हाथों में दस्ताने पहनना बहुत जरूरी है।
सवाल : क्या जांच, डिलीवरी और टीकाकरण के लिए अस्पताल जाना सुरक्षित है ?
अस्पताल जाने में घबराने की आवश्यकता नहीं है, इसलिए डरने की कोई बात नहीं । पहली बात कोरोना वायरस गर्भवती महिला को बुरी तरह संक्रमित नहीं करता है। डॉक्टर के संपर्क में रहिए, डॉक्टर समय-समय पर सही सलाह देती रहेगी। वह आपको बताते रहेंगे कि कब-कब आपको हॉस्पीटल जाना है।
सवाल : गर्भवती महिला को किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए ?
प्रेगनेंसी के दौरान वायरल इन्फेक्शन्स के लिए इम्यून की प्रतिक्रिया बदल जाती है , और कुछ खास लक्षणों में महिलाओं के लिए बीमारी का रिस्क भी बढ़ जाता है। ऐसे में भीड़भाड़ वाले स्थानों में नहीं जाना चाहिए और विशेषतौर से डाइट पर ध्यान देना चाहिए। जैसे- ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी पीएं, हरी सब्जियां, दलिया, ज्यूस वगैराह आदि लेने चाहिए। साथ ही कंसल्टेशन का इंतजार करते समय, सोशल डिस्टन्सिंग का विशेष ध्यान रखें।
सवाल : क्या गर्भवती महिला को अस्पताल में डिलीवरी डेट के लिए भर्ती होने से पहले कोरोना टेस्ट करवा लेना चाहिए ?
ऐसा कोई भी एविडेंस नहीं है। अगर कोरोना के लक्षण नजर आए तो तुरंत प्रभाव से कोरोना का टेस्ट करवाना चाहिए।
सवाल : गर्भवती महिला को कोरोना हो जाए तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामान्य मेडिकल किट पहुंचाई जाती है, क्या वह दवाई लेनी चाहिए ?
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो सामान्य मेडिकल किट पहुंचाई जाती है वो डॉक्टर की सलाह पर लेनी चाहिए। इसमें एजिथ्रोमाइसिन 500 एमजी टेबलेट, जिंक टेबलेट, विटामीन सी पेरासिटामोल – 500 एमजी की डोज लेनी चाहिए।
सवाल : कोरोना के साथ-साथ इन दिनों वायरल भी है। ऐसे में गर्भवती महिला सर्दी-जुकाम व बुखार से पीडि़त हो रही है तो उन्हें क्या करना चाहिए ?
कोरोना के चलते सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। ऐसे में बुखार, सर्दी, जुकाम होने पर प्राइमरी इलाज लेना चाहिए। इसके लिए एजिथ्रोमाइसिन 500 एमजी टेबलेट, जिंक टेबलेट, विटामीन सी की डोज लेनी चाहिए।
सवाल : कोरोना की कौनसी स्टेज खतरनाक होती है, इससे बचने के लिए क्या उपाय है ? किस हालात में गर्भवती महिला को हॉस्पीटल में भर्ती होना चाहिए ?
कोरोना के लक्षण नजर आए तो तुरंत प्रभाव से कोविड-19 की जांच करवानी चाहिए। जांच अगर पॉजीटिव आए तो स्थितियों को मध्यनजर रखते हुए डॉक्टर की सलाह से घर में क्वारेंटीन होना चाहिए। क्वारेंटीन के दौरान सांस में तकलीफ व बुखार ज्यादा होने या ऑक्सीजन की कमी होने पर हॉस्पीटल में एडमिट होना बेहतर होगा।


