
पटाखा बिक्री के लिए कारोबारी तैयार,मंजूरी का इंतजार





खुलासा न्यूज,बीकानेर। कोरोना के कारण जिले के पटाखा व्यापारियों में मायूसी का आलम है। लॉकडाउन और महामारी के कारण पटाखों की फैक्ट्रियां भी बंद रहीं, जिस वजह से इस बार अच्छे व्यापार की उम्मीद कम जताई जा रही है। साथ ही, प्रदूषण व सामान्य पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के चलते पटाखा व्यापार पर भी बीते कुछ साल से ठीक नहीं रहा। दिवाली के अलावा भी शादी जैसे अन्य मौके पर भी लोग पटाखे जलाकर खुशियां मनाते हैं, हालांकि इस बार पटाखों की मांग न के बराबर रही है। दिवाली में अभी करीब एक पखवाड़े से ज्यादा का समय है। लेकिन बाजारों में पटाखों की सप्लाई पिछली बार से काफी कम है। दीपावली के मद्देनजर पटाखा कारोबारियों ने प्रशासन से पटाखों की बिक्री करने की इजाजत मांगी है। उनका दावा है कि अगर उन्हें पटाखों की बिक्री की इजाजत दे दी जाती है, तो हर दुकानदार कोविड-19 को लेकर सरकार की ओर से निर्धारित नियमों का पालन करेगा।
त्योहारी सीजन ही बचा आशा की किरण
बीकानेर पटाखा एसोसिएशन के वीरेन्द्र किराडू बताते हैं कि कर्फ्यू तथा लाकडाउन के कारण पहले से ही कारोबार मंदी के दौर से गुजर रहा है। अब कारोबारियों के सामने केवल त्योहारी सीजन ही आशा की किरण बचा है। अगर यह सीजन भी खाली चला जाता है, तो दिसंबर तक कारोबार का पटरी पर आना मुश्किल हो जाएगा। किराडू ने बताया कि अब तक जिले में 300 से ज्यादा अस्थाई तथा करीब 60 स्थाई दुकानों के लिये लाईसेंस आवेदन किये हुए है। जिसका अगर समय रहते निदान किया जावें तो इस त्योहारी सीजन में एक मात्र आशा की किरण से व्यापारियों को राहत मिले।
पिछले साल भी रहा घाटे का सौदा
किशन खत्री बताते हैं कि पिछले साल भी कारोबार घाटे का सौदा रहा। कभी प्रशासन की सख्ती तो कभी खरीदारों के अभाव में काफी माल बच गया था। जिसे लौटाना पड़ा। जबकि दुकानें अलाट करवाने से लेकर इस पर हुए भारी खर्च के कारण बोझ भी दुकानदारों को झेलना पड़ा था।
कारोबार बचाने के लिए राहत दे सरकार
गोपाल रंगा बताते है कि इस कारोबार के साथ काफी लोग जुड़े हैं। थोक, रिटेल बिक्री व पटाखों की ढुलाई से लेकर दुकानों पर काम करने वाली लेबर को दीपावली के सीजन का इंतजार रहता है। नवरात्र में ही पटाखों की दुकानें सजाने से लेकर माल रखना शुरू कर दिया जाता है। कारोबार बचाने के लिए सरकार को राहत देनी चाहिए।
पटाखा कारोबार को भी अनलाक किया जाए
के एल जोशी के मुताबिक अनलाक-5 के तहत रविवार का कर्फ्यू खत्म करने के साथ ही तमाम तरह की दुकानें खोलने की इजाजत दी जा चुकी है। अब पटाखा कारोबारियों को भी दुकानें अलाट करके काम शुरू करने की इजाजत देनी चाहिए। सभी पटाखा कारोबारी सरकारी आदेशों का पालन करने को तैयार हैं।
कोरोना का असर:पटाखा विक्रेता जय भाई ने बताया कि कोरोना का असर पटाखों व्यवसाय पर नजर आ रहा है। दुकान पर बैठे-बैठे दिन काटना पड़ रहा है। हर साल दीपावली के एक सप्ताह पहले ही पटाखों की बिक्री तेज होने लगती है। इस कोरोना के चलते पटाखा व्यवसाय को सरकार की मंजूरी की जरूरत है। जब तक इसकी बिक्री की इजाजत नहीं मिलती। तब तक पटाखा व्यवसाय को संजीवनी मिलती नजर नहीं आ रही है।
ग्रीन पटाखे को बेचने की दे सकती है अनुमति
आमजन की राय है कि अगर सरकार चाहे तो ग्रीन पटाखों को बेचने की अनुमति दे सकती है। इससे न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना होगी। बल्कि दीपावली की खुशियां पर भी ग्रहण नहीं लगेगा।


