ट्रेन के टॉयलेट मेंं लगे डस्टबिन में ऐसा क्या मिला कि पुलिस के उड़ गये होश

ट्रेन के टॉयलेट मेंं लगे डस्टबिन में ऐसा क्या मिला कि पुलिस के उड़ गये होश

कोटा। एजुकेशन सिटी के तौर पर विख्‍यात कोटा में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक ट्रेन के टॉयलेट में आधी रात को मानव भ्रूण   मिला है. टॉयलेट में भ्रूण मिलने की सूचना से स्टेशन पर सनसनी फैल गई. जीआरपी ने भ्रूण को कब्जे में लेकर उसे एमबीएस अस्पताल (रूक्चस् ॥शह्यश्चद्बह्लड्डद्य) की मोर्चरी में रखवाया है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.
जानकारी के अनुसार, यह भ्रूण कोटा रेलवे स्टेशन पर खड़ी जनशताब्दी एक्सप्रेस के टॉयलेट में मिला है. भ्रूण को टॉयलेट में रखे डस्टबिन में डाला हुआ था. मंगलवार रात करीब 2 बजे इसकी सूचना पर जब जीआरपी को मिली तो जवान मौके पर पहुंचे थे. भ्रूण मिलने की सूचना के बाद वहां भीड़ एकत्र हो गई. जीआरपी ने भ्रूण को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. चिकित्सकों के अनुसार, भ्रूण 5 महीने का है. इसे किसने यहां फेंका है, इसका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. जीआरपी पूरे मामले की जांच में जुटी है.
पहले भी सामने आ चुकी हैं इस तरह की घटनाएं
उल्लेखनीय है कि विकसित और अर्धविकसित भ्रूण के कई बार कचरे में मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इन्हें कौन फेंक कर जाता है, इसका आज तक कुछ पता नहीं चल पाया है. प्रदेश में केवल भ्रूण ही नहीं, बल्कि जिंदा नवजात तक के कई बार कचरे के ढेर में पड़े होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. कचरे में और सड़कों पर जिंदा पाये गये नवजातों में अधिकांश बालिकायें होती हैं.
प्रतापगढ़ जिले में नवजात को जंगल में छोड़ गये थे
पिछले कुछ समय के दौरान दौसा, सीकर, प्रतापगढ़ और जयपुर में कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है. इन नवजातों को बाल कल्याण समितियों के माध्यम से अस्पतालों में इलाज कराया जाता है और उन्हें लावारिसों की देखभाल करने वाली संस्थाओं को सौंपा जाता है. गत वर्ष प्रतापगढ़ जिले में एक नवजात जंगल में पहाड़ी पर पड़ी मिली थी. किसी राहगीर ने उसके रोने की आवाज सुनकर उसे वहां से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया।

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