मुख्यमंत्री गहलोत का बड़ा फैसला, अब…

मुख्यमंत्री गहलोत का बड़ा फैसला, अब…

जयपुर: अनुकम्पा नियुक्ति के लिए अब मृत आश्रितों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने एक संवेदनशील फैसला करते हुए इस प्रावधान को ही हटा दिया है, जिसके अनुसार मृत कार्मिक के मूल विभाग में पद रिक्त नहीं होने पर उसके आश्रित के आवेदन को दो साल तक के लिए लंबित रखा जाता था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा फैसले: 
-अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में संवेदनशील निर्णय लिया गहलोत ने
-मूल विभाग में पद रिक्त नहीं होने पर भी मिलेगी नियुक्ति
-अब नियुक्ति के लिए अब नहीं करना होगा इंतजार
-पहले दो साल तक लंबित रखा जाता था मामला
-दो साल बाद भी पद रिक्त नहीं होता है
-तो अन्य विभाग में नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू होती थी
-अनुकम्पा नियुक्ति नियमों का यह प्रावधान हटाने का निर्देश

मौजूदा नियम के कारण मृत राज्य कर्मचारी के आश्रित को नियुक्ति के लिए इंतजार करना पड़ता था, क्योंकि जिस कार्मिक की मृत्यु के कारण वह नियुक्ति चाहता है उसके मूल विभाग में पद रिक्त नहीं है. गहलोत ने अब इस प्रावधान को समाप्त करने के साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि मृत कार्मिक के मूल विभाग में नियुक्ति योग्य पद रिक्त नहीं होने की स्थिति में उसके आश्रित को जल्द नियुक्ति देने के लिए आवेदन पत्र कार्मिक विभाग को अग्रेषित किया जाए. कार्मिक विभाग आवेदक की पात्रता के आधार पर किसी अन्य विभाग में रिक्त पद पर जल्द नियुक्ति देने की कार्यवाही करेगा.

 

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए देरी से आवेदन तथा आयु सीमा में छूट के 52 प्रकरणों में मृतक कार्मिक के आश्रितों को शिथिलता प्रदान की है. सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस के भीतर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है. इसके अतिरिक्त, आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर और अधिकतम 40 वर्ष की आयु तक आवेदन करने का प्रावधान है. गहलोत ने 46 प्रकरणों में मृत्यु दिनांक से 90 दिन की अवधि निकल जाने तथा आयु सीमा के 6 प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए आवेदकों को नियमों में शिथिलन प्रदान कर राहत दी है। विगत 22 महीनों में अनुकंपा नियुक्ति के 584 प्रकरणों में शिथिलन देकर नियुक्ति दी गई है.

अनुकम्पा नियुक्ति में गहलोत का फैसला:
-52 प्रकरणों में दी शिथिलता दी मुख्यमंत्री ने
-90 दिवस के भीतर नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता
-46 प्रकरणों में मृत्यु दिनांक से 90 दिन की अवधि निकल जाने पर भी दी नियुक्ति
-आयु सीमा के 6 प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ति में शिथिलन दी
-22 महीनों में अनुकंपा नियुक्ति के 584 प्रकरणों में शिथिलन

एक अन्य फैसले में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में की गई घोषणा की अनुपालना में राज्य सरकार ने पुलिस हिरासत में रखे गए बंदियों का खुराक भत्ता 30 रुपए से बढ़ाकर 70 रुपए प्रतिदिन कर दिया है. वहीं गहलोत ने बजट घोषणा 2020-21 के तहत पश्चिमी राजस्थान में औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के उद्देश्य से बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर एवं जैसलमेर जिलों के चिन्हित पुलिस थानों को 9 अतिरिक्त मोबाईल यूनिट्स के लिए 36 कांस्टेबल के पद सृजित किये जाने को मंजूरी दे दी है. इनमें से 16 पद पुलिस थाना नगाणा बाड़मेर, 8 पद पुलिस थाना कोलायत बीकानेर, 8 पद पुलिस थाना ढ़ढू जोधपुर ग्रामीण तथा 4 पद पुलिस थाना सांकड़ जैसलमेर में सृजित होंगे. मुख्यमंत्री ने गृह रक्षा विभाग में 4 नवीन अस्थाई पद सृजित करने को भी मंजूरी दी है. इनमें एक पद सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, एक कनिष्ठ विधि अधिकारी, एक कनिष्ठ सहायक एवं एक पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का होगा.

मुख्यमंत्री ने बंदियों का बढ़ाया खुराक भत्ता :
-30 रुपए से बढ़ाकर 70 रुपए प्रतिदिन किया भत्ता
-विधानसभा में की गई घोषणा को पूरा किया गहलोत ने
-पश्चिमी राजस्थान में औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए फैसला
-बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर एवं जैसलमेर जिलों के लिए फैसला
-चिन्हित पुलिस थानों के लिए 36 कांस्टेबल के पद सृजित
-16 पद पुलिस थाना नगाणा, 8-8 पद कोलायत व ढ़ढू
-4 पद पुलिस थाना सांकड़ जैसलमेर में सृजित होंगे
-गृह रक्षा विभाग में 4 नवीन अस्थाई पद सृजित करने को भी मंजूरी

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