फीस मामले में फैसला नहीं लेने पर हाईकोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार

फीस मामले में फैसला नहीं लेने पर हाईकोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार

जयपुर: प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश पर लगी रोक को जारी रखते हुए अभिभावकों को राहत दी है.इसके साथ ही अदालत ने ट्यूशन फीस का 70 फीसदी वसूलने पर रोक को जारी रखते हुए राज्य सरकार और अधिवक्ता सुनिल समदड़िया सहित कुल 10 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा है.मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और जस्टिस सतीशकुमार शर्मा की खण्डपीठ ने प्री प्राईमरी स्कूलों को भी फीस एक्ट के अधीन माना है.

बच्चों का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी:
खण्डपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पूर्व मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को फटकार भी लगाई. अदालत ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बीते छह -सात महीने में सरकार ने फीस को लेकर कुछ नहीं किया. कोर्ट ने स्कूल फीस रेगुलेशन एक्ट 2016 की पालना नहीं होने पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के ऐसे हालात कभी नहीं बने थे ऐसे में सरकार, स्कूल और अभिभावक मिलकर फैसला लेते तो ज्यादा बेहतर होता. कोर्ट ने कहा कि कुछ माह पहले कोरोना संक्रमण के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था. इसके अलावा किसी को पता नहीं था कि कोरोना का शिक्षा पर इतना गहरा प्रभाव पडेगा. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह स्कूली बच्चों की समस्याओं का ख्याल रखे.

अभिभावक और स्कूल मिलकर तय करे फीस:
अदालत ने यह भी माना की फीस नियामक अधिनियम के तहत प्रत्येक स्कूल स्तर पर गठित अभिभावक कमेटी और स्कूल प्रशासन को साथ मिलकर कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फीस निर्धारण करना होगा.सभी स्कूलों में अभिभावक के प्रतिनिधी या कमेटी स्कूल प्रशासन के साथ मिलकर फीस तय करेंगे.जिन स्कूलों में अभिभावक कमेटी नही है वहां पर अभिभावक खुद अपना प्रतिनिधी भेज सकते है.कोर्ट ने स्कूल फीस नियामक कानून की प्रभावी पालना नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि जिन स्कूलों में कमेटी नहीं है.

प्री प्राइमरी कक्षाएं शामिल, एकलपीठ के आदेश पर रोक जारी:
सुनवाई के दौरान जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता शशांक अग्रवाल की ओर से प्री प्राइमरी कक्षाओं को फीस रेगूलेशन एक्ट में शामिल करने की गुहार की गई.जिस पर खण्डपीठ ने सहमति जताते हुए अपने निर्णय में शामिल करने की बात कही.इसके साथ ही अदालत ने कहा कि एकलपीठ के आदेश पर लगी रोक भी आगामी तारीख तक जारी रहेगी.गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 7 सितंबर को प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए निजी स्कूलों को 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने की छूट दी थी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश की खण्डपीठ ने 1 अक्टूबर को अंतरिम रोक लगा दी थी.

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