सरपंच ने अपे पति को न्याय दिलाने पहुंची कलेक्टे्ट, पुलिस ने देवर व भाभी को पकड़ लिया,देखे वीडियों

सरपंच ने अपे पति को न्याय दिलाने पहुंची कलेक्टे्ट, पुलिस ने देवर व भाभी को पकड़ लिया,देखे वीडियों

खुलासा न्यूज बीकानेर। हत्या के मामले में जेल में बंद अपने पति को न्याय दिलाने की मांग को लेकर लूणकरणसर तहसील के पींपेरा मलकीसर ग्राम पंचायत की सरपंच व उसके परिजन ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ज्ञापन देने से पहले गाड़ी में बिठाकर सदर पुलिस थाने ले गई। जानकारी के अनुसार पींपेरा मलकीसर सरपंच सरस्वती देवी आज अपने देवर सुरेन्द्र सारस्वत व गांव वालों के साथ हत्या के मामले में जेल में बंद अपने पति को न्याय दिलाने की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने के लिए पहुंची थी। बताया जा रहा है कि इस प्रतिनिधि मंडल को ज्ञापन देने से पहले ही पुलिस द्वारा रोक लिया गया और पकड़कर गाड़ी में बिठाकर पुलिस थाने ले गए। यह है पूरा मामला सरपंच सरस्वती देवी का आरोप है कि मलकीसर गांव में 4 जुलाई 2020 को भैराराम ब्राह्मण हत्याकांड में उसके पति महेन्द्र सारस्वत को गलत तरीके से फंसाया गया और षडय़ंत्रपूर्वक एफआईआर में नाम जोड़कर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। सरस्वती देवी का आरोप है कि उस हत्याकांड में मृतक भैराराम के सगे भाईयों ने मृतक के साथ मारपीट की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुआ जहां से अपने मकान की छत से कुदकर पड़ौसी के घर में छुप गया तथा वहीं से मृतक भैराराम को प्रायोजित गाड़ी में इलाज के लिये ले जाया गया। जहां स्थानीय पुलिस की तफ्तीश अभी तक नहीं पहुंची जिससे ग्राम के तमाम लोगों में भारी आक्रोश है। आरोप है कि घटना के उसके पति महेन्द्र सारस्वत को फोन करके घटना स्थल पर बुलाया गया और उक्त घटना की मुख्य वजह रही महिला की साजिश के तहत मृतक भैराराम को बामनवाली ले जाया गया जहां पर उसके साथ मारपीट की गई। आरोप है कि इस पूरे घटनाक्रम में मुस्तगीस व उसका सगा भाई कुनणाराम साथ रहे, उनके द्वारा लूणकरणसर पुलिस थाना को कोई सूचना नहीं दी गई एवं मृत्यु के 36 घंटे बाद सूनियोजित राजनैतिक षड्यंत्र के तहत गांव के कुछ रंजिशकर्ताओं के दबाव में लूणकरणसर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई। यह एफआईआर स्थानीय अधिवक्ता के जरिये तीन बार तहरीर होकर आखिरी तहरीर में उसके पति महेन्द्र का झुठा नाम जोडऩे की सहमति बन पाई। स्थानीय राजनेता का दबाव और अनुचित लाभ के प्रभाव में थानाधिकारी ईश्वर जांगिड़ ने उसके पति महेन्द्र सारस्वत एवं एक अन्य देवीलाल ब्राह्मण को गिरफ्तार करके 30 लाख रुपयों की मांग रखी गई। आरोप है कि सौदा तय नहीं होने के कारण दोनों को सादे कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। सरस्वती ने ज्ञापन में बताया कि इस हत्याकांड के असली गुनहगारों को आज भी पुलिस जानबुझकर गिरफ्तार नहीं कर रही है

 

https://youtu.be/33942o4oY5I

क्योंकि वे ऊंचे रसूखदार एवं बीजेपी के कद्दावर नेता के करीबी है। सरस्वती देवी का आरोप है कि उसके पति महेन्द्र सारस्वत को बेगूनाही के अनेक सबूत ओडियो, वीडियो, दस्तावेजी साक्ष्य एवं प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की मौजूदगी में घटना के तमाम सबूत जांच अधिकारी को पेश किए गए, मगर जांच अधिकारी ने दबाव में आकर साक्ष्यों को शामिल पत्रावली नहीं किए तथा येनकेन मामले का चालान न्यायालय में करने को आमदा है। सरपंच सरस्वती देवी की मांग है कि एफआईआर संख्या 155/2020 की पत्रावली तलब कर निष्पक्ष जांच सीआईडी सीबी से करवाकर निर्दोष व्यक्ति को न्याय दिलाया जाए तथा दोषी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सलाखों के पीछे डाला जाए।

वीडियों:राजा जोशी

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