
पात्र होने के बाद भी नियुक्ति को लेकर दर दर की ठोकरे खा रहे है चयनित






खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिला परिषद द्वारा 1998 में निकाली गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में वंचितों को नियुक्ति देने की मांग को लेकर एक बार फिर से मांग उठने लगी है। इसको लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे अखिल राजस्थान चयनित शिक्षक संघ 1998 ने जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा है। जिसमें वंचित चयनित योग्य अभ्यार्थियों को नियुक्ति की गुहार लगाई है। ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि जिला परिषद द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रकरण में 30.7.2002 को कैलाश चंद्र के मामले का निर्णया आ गया,जिसमें बोनस अंको को अवैध बताते हुए बोनस अंक हटाकर नई वरियता सूची बनाई जाकर नियुक्तियां देने का निर्णय दिया गया था। लेकिन अधिकारियों ने अपनी मर्जी से नई वरीयता सूची में निम्न वरीयता पाने वाले जो कि 1800 से अधिक है,को नियुक्ति दे दी। जबकि अधिक अंक होते हुए उच्च वरीयता वाले आज दिनांक योग्य होते हुए भी न्याय की उम्मीद में दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। नियुक्ति का सिलसिला 2018 तक चलता रहा और अभ्यार्थियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ में घुमाते रहे। शिक्षा सचिव सचिव द्वारा 3.4.2001,12.6.2001,1.7.2003,24.7.2006 को नियुक्ति आदेश जारी किये। यह स्पष्ट करता है कि हमारी नियुक्ति होनी चाहिए। इन अवैध नियुक्तियों की तथ्यात्मक जानकारी प्रमुख शासन सचिव शिक्षा एवं अन्य पदाधिकारियों मय सबूत दी जा चुकी है तथा इसी के साथ शेष रहे योग्य अभ्यार्थियों की सूची मय दस्तावेज दिनांक 1.6.2018 को दी जा चुकी है। शेष 1200 अभ्यार्थी रहे है। वर्तमान में 98 प्रकरण केवल आपके द्वारा नियुक्ति आदेश की प्रतीक्षा में विभाग के पास विचाराधीन है। ज्ञापन देने वालों में महेन्द्र कुमार व्यास,रामकुमार मोदी,आनंद पांडे,महेश उपाध्याय,राजेन्द्र पारीक,रवि कुमार सोनी,गायत्री खत्री,साया देवी,राधा पणिया,सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा आदि शामिल रहे।


