
बीकानेर : कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के बावजूद फेफड़ों में जानलेवा संक्रमण, खुलासा ने की वरिष्ठ डॉक्टर्स से बातचीत





खुलासा न्यूज़, बीकानेर। कोरोना के लक्षण नहीं होने और रिपोर्ट नेगेटिव आने के कुछ दिन बाद भी मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण मिलने लगा है। यह संक्रमण कई मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। ऐसे में मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेशन कम होने के पीछे यही बड़ा कारण है कि मरीज में लक्षण तो नहीं आए लेकिन धीरे-धीर संक्रमण बढ़ता रहता है। संक्रमित व्यक्ति में कई दिनों बाद वापस बीमार होने लगता है। तब सिटी स्कैन कराने पर पता चलता है कि फेफड़ों में संक्रमण है। जिसके कारण मरीज में थकान और श्वांस लेने में भी दिक्तत होने लगी है। बीकानेर में ऐसा भी हुआ है कि कुछ लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले और उन्हें कोरोना होकर चला गया जिन्हें पता भी नहीं लगा। अब उनके फेंफड़ों में जानलेवा संक्रमण हो गया है।
ऑक्सीजन की कमी से पकड़ में आ रहा
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी मरीज मे ंऑक्सीजन सैचुरेशन कम है तो दिक्कत बढ़ती जाती है। ऐसे मरीजों को ही ऑक्सीमीटर पर लेने के बाद ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाना पड़ता है। ऐसी स्थिति होने पर यह पता लगता है कि मरीज को फेफड़ों में कोई नुकसान है। यदि नुकसान थोड़ा बहुत मिलता है तो फिर उसी समय इलाज शुरू करने से मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं। यदि संक्रमण अधिक बढ़ता रहा और फेफड़ों पर सूजन आती रही तो आगे मुश्किल हो जाती है। फिर मरीज को रिकवर होने में बहुत अधिक समय लग जाता है। अधिक उम्र वाले मरीज व अन्य तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों को अधिक समस्या होती है।
थकान या बुखार है तो आप इसकी परवाह कीजिए : डॉ. गुप्ता
पूरी दूनिया में कोरोना वैक्सीन के लिए रिसर्च चल रहा है। कोविड जांच रिपोर्ट में 67 प्रतिशत बीमारी का पता चल जाता है और 33 प्रतिशत का नहीं। कई मरीजों में कोरोना के लक्षण तक नहीं है और उसके फेंफड़ों में संक्रमण है। कोरोना की जांच करवा रहे हैं तो वह नेगेटिव आ रही है। इसका अर्थ यह है कि उन्हें कोरोना हुआ था लेकिन उन्होंने उसकी परवाह नहीं की और उन्हें पता नहीं लगा। इसके बाद सिटी स्कैन में कराने से फेफड़ों में नुकसान का पता चलता है तो माना जाता है कि मरीज को कोरोना हो रखा है। पॉजीटिव मरीज को अचानक ऑक्सीजन की कमी होती है और तकलीफ भी अचानक बढ़ जाती है। यदि आपको थकान या बुखार है तो आप इसकी परवाह कीजिए , नहीं तो आप परेशानी में फंस सकते हैं।
-डॉ. बी.के.गुप्ता, मेडिसिन विभागाध्यक्ष, पीबीएम अस्पताल, बीकानेर
सिटी स्कैन कराने से वायरस के नुकसान का पता चल जाता है : डॉ. कोचर
मरीज में कोरोना वायरस कम होता है तो लक्षण सामने नहीं पा पाते हैं। फेफड़ों में कोशिकाएं धीमी होती है और सूजन आ जाती है। धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को नुकसान करने लगता है। बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित व्यक्ति चाहे नेगेटिव हो गए हों लेकिन, सिटी स्कैन कराने से वायरस के नुकसान का पता चल जाता है। ताकि मरीज में कोई दिक्कत हो तो उसका समय पर इलाज हो सके। सिटी स्कैन करने के बाद मरीज को ठीक होने में करीबन 6 सप्ताह का समय लगता है। इसके बाद की स्थिति का ज्ञान का पता नहीं चल पाया है।
– डॉ. संजय कोचर, वरिष्ठ डॉक्टर, पीबीएम अस्पताल, बीकानेर
अभी कहना जल्दबाजी होगा कि नुकसान कितना हुआ है : डॉ. विजय
अधिक उम्र वाले मरीज व बीपी, डायबीटीज व अन्य तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों को अधिक समस्या होती है। सिटी स्कैन कराने से फेफड़ों में नुकसान के बारे में चल जाता है। मरीज को कितना नुकसान होता है, अभी इस बारे में कहना जल्दबाजी होगा।
– डॉ.विजय तुंदवाल, वरिष्ठ डॉक्टर, पीबीएम अस्पताल, बीकानेर

