
राजनीतिक दलों ने गहलोत को दी सलाह, कहा- प्रदेश भर में कीजिए लॉकडाउन





जयपुर: प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को लॉक डाउन की सलाह दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आज तीन अहम बैठकें करके विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों से संवाद किया. इस संवाद में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सभी ने अपने अपने सुझाव दिए और साथ ही मुख्यमंत्री से सख्त कदम उठाने की भी राय दी. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर विभिन्न वर्गों के साथ अलग अलग संवाद किया. सुबह मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा की, तो दोपहर में सामाजिक संगठनों व एनजीओ प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करके सुझाव लिए. देर शाम को मुख्यमंत्री ने निजी अस्पताल संचालकों और चिकित्सकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के साथ मंथन किया.सबसे अहम चर्चा नेताओं के साथ हुई.
सतीश पूनिया व बलवान पूनिया ने भी विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया. सभी नेताओं ने एक स्वर में प्रदेश में लगातार जागरूकता अभियान चलाने की भी बात कही. बैठक में भोपालगढ़ विधायक पुखराज ने अपनी निजी पीड़ा सीएम के समक्ष रखकर पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए. पुखराज ने बताया कि 7 सितंबर को जोधपुर में सैंपल दिया गया था रिपोर्ट पॉजिटिव आई लेकिन उसके बाद दूसरे टेस्ट के लिए कोई संपर्क नहीं किया गया है. सीएम ने पुखराज को आराम करने की सलाह दी और कहा आप के मामले में निश्चित तौर पर संज्ञान लिया जाएगा. वहीं दोपहर में बाद मुख्यमंत्री ने दूसरी बैठक में सामाजिक संगठनों के से सुझाव लिए.
इस बैठक में निखिल डे, अरुणा राय, धर्मवीर कटेवा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिए सुझाव. सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजनेताओं के वीकेंड लाकडाउन सुझाव को खारिज किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में लॉकडाउन लगाया तो गरीब तबका भूखमरी के कगार पर आ जाएगा. उन्होंने लॉकडाउन की बजाय हेल्थ प्रोटेकॉल की पालना पर जोर देने का सुझाव दिया और कहा कि भीड़ इकट्ठा नहीं होने देने, जागरूकता पर फोकस करें. देर शाम को मुख्यमंत्री ने निजी अस्पताल संचालकों और चिकित्सकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की. सीएम ने इनसे अपील की है कि कोरोना संकट में वे सामाजिक दायित्व को निभाएं और इस संकट काल में पैसे न कमाकर समाज सेवा करने की सोचे. सीएम ने कहा कि कई अस्पतालों को छूट इसलिए दी गई थी कि वे गरीब जनता को इलाज न्यूनतम पैसों में करेंगे, लेकिन कई जगह अधिक वसूली की बात सामने आ रही है. ऐसे में निजी अस्पताल अपने कर्त्व्य को निभाएं.

