
बीकानेर से कोरोना खत्म या प्रशासनिक स्तर पर कोरोना का डर खत्म!





खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिले में कोरोना संक्रमण के लिहाज से स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। अब आंकड़ा सात हजार होने में हैं। जहां मार्च से मई तक में सौ केस पर पूरे जिले में लॉकडाउन था। अब प्रतिदिन सौ से ज्यादा नये केस प्रतिदिन आने लगे हैं। लेकिन इसकी गंभीरता को खत्म कर दिया है। हालात यह है कि 50 पार की उम्र के लोगों की ज्यादा मौतें हो रही है। प्रशासन का दावा है कि यह मौतें उनकी हो रही है जिनको कोई अन्य बीमारी है। हकीकत यह है कि कोरोना संक्रमण की वजह से मौत होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ रही है। लॉकडाउन के दौर में ज्यादा सख्ती थी लेकिन अब प्रशासन ने भी इसमें ढिलाई बरतना शुरू कर दिया है। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग हो या फील्ड सर्वे। कंटेनमेंट जोन के लिए भी जो गाइडलाइन की पालना होनी चाहिए वे नहीं हो रही है।
कंटेनमेंट जोन
जिला कलक्टर की ओर से हर दिन सख्त निषेज्ञाधा के आदेश तो निकल रहे है, लेकिन यह आदेश मात्र कागजी बनकर रह गए है। जिला प्रशासन आदेश निकाल कर अपने कार्य की इतिश्री कर रही है। लेकिन कहीं भी कंटेनमेंट जोन नहीं बन रहा है। जिरो मोबीलिटी अब रही ही नहीं। लोग घरों से बाहर निकल रहे है।
कान्टेक्ट ट्रेसिंग
कोरोना संक्रमित की सूचना मिलने पर चिकित्सा विभाग की आरआरटी टीम पूरी मुस्तैदी के साथ मरीज को लाने व अस्पताल में भर्ती करने के साथ उसकी हिस्ट्री तक लेते थे। लेकिन वह अब बन्द हो गई है। इसके कारण अब यह जानकारी नहीं मिल पा रही है कि आखिर कौनसा व्यक्ति किसके सम्पर्क में आने से संक्रमित हुआ है।
फील्ड सर्वे महज दिखावा
चिकित्सा विभाग की ओर से कोरोना संक्रमित की सूचना मिलने के साथ ही उस क्षेत्र में फिल्ड सर्वे करवाया जाता है,वो भी महज दिखावा या खानापूर्ति तक ही सीमित है। लेकिन अभी तो एक ही परिवार में पांच से सात लोग कोरोना संक्रमित आने या एक ही मोहल्ले में दो से तीन घरों में संक्रमित निकलने के बाद भी इस काम को अंजाम नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण अब यह जानकारी भी नहीं मिल रही है कि किस घर में कौन बीमार है। हालात यह है कि सर्वे करने वाले नर्सिगकर्मियों के पास न तो पूरे साधन है और न ही सुविधाएं। ऐसे में घर घर सर्वे भी बेमानी साबित हो रहा है।
सख्ती
जिला प्रशासन ने अप्रेल में एक साथ 6 मरीज सामने आते ही शहर व जिले में कफ्र्यू लागू कर दिया था। लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। उसके बाद भी बाजार खुलने के बाद शाम 6 बजे बाजार बन्द क राने व रात 9 से सुबह 5 बजे तक कफ्र्यू लागू था वह सब अब हटा दिया गया है। जिला प्रशासन अब पूरी तरह से लापरवाह हो गया है। इसी का फायदा आम लोग उठा रहे है।
जनता लापरवाही
कोरोना संक्रमित की मौत पर 20 जने शामिल होने की छूट है, लेकिन शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र सौ से दो सौ लोग शामिल हो रहे है। उठावने में बड़ी संख्या में लोग आ रहे है। 12 दिन तक बैठके हो रही है। 13 दिन भोज के आयोजन में बड़ी संख्या में लोग आ रहे है। कई सामाजिक आयोजनों में 200 से 300 लोग आते है। इन्हें रोकने वाला अब कोई नहीं है। आमजनता अब पूरी तरह से लापरवाह हो गई है।

