
दूध गर्म किया तो उड़ गये होश,चिकित्सा महकमे की पहुंची टीम,देखे विडियो





खुलासा न्यूज,बीकानेर। दूध को एक कंप्लीट मील कहा जाता है। यानी दूध अपने आप में एक पूरा आहार है। शायद इसलिए हर मां अपने बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए दूध जरूर पिलाती है,जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और दिमाग तेज होता है। बड़े-बूढ़ों से लेकर डॉक्टर्स तक रोजाना दूध पीने की सलाह देते हैं लेकिन मिलावटखोरी और लालच ने सेहत के लिए वरदान इस सफेद दूध को काला कर दिया है। मिलावटखोरी का आलम ये कि दूध अब जहर बन गया है। बीकानेर में भी अब इस सफेद सोने का काला कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। सफेद दूध को काला कर मिलावटखोर कारोबारी तो धन्नासेठ बन रहे हैं लेकिन आमजन की सेहत बिगड़ती जा रही है। ऐसे ही मिलाटवखोर पर शिकायत के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी एल मीणा की अगुवाई में तेलीवाड़ा से बांठिया की चौक वाली रोड पर स्थित सीताराम दूध वाला के यहां कार्यवाही की गई। यहां से दूध खरीदकर डेमो किया गया तो दूध फट गया। शुद्ध दूध फटने पर छेना बनाता है,लेकिन इस दूध में फटने के बाद रबड़ जैसे लच्छे बनने लगे। चौंकाने वाला यह डेमो देख मीणा ने सियाग दूध भंडार से सैंपल लिए। बताया जा रहा है कि इस दुकान पर एक हजार लीटर के करीब दूध विक्रय होता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर शिकायत की पुष्टि होती है तो एफआईआर दर्ज की जाएगी।
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कैसे बनाते हैं नकली दूध
मिलावटखोर नकली दूध बनाने के लिए कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। नकली दूध में एंटीबायोटिक दवाओं का भी इस्तेमाल हो रहा है। इनमें अमोनियम सल्फेट और एफ्लाटॉक्सिन एम-1 तक मिलाया जाता है। दूध में मलाई आ जाए इसके लिए अरारोट डाला जाता है। नकली दूध को सफेद करने के लिए रंग का इस्तेमाल किया जाता है। दूध का खोया बनाने के लिए उसमें ब्लॉटिंग पेपर मिलाया जाता है। इससे खोया ज्यादा, गाढ़ा और अच्छा दिखाई देता है।
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मिलावट कैसे पहचानें..
– दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं।
– अगर बूंद धीरे-धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है।
– मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाए तो समझें कि मिलावट है।
– टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं।
– पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं।
– अगर पेपर का रंग नीला हो जाय तो यूरिया की मिलावट है। डिटर्जेंट की मिलावट कैसे पहचानें
-पांच एमएल दूध लें और उसमें पैरा डाई मिथाइल एमिनो बैजल डिहाइड मिलों। अगर दूध का रंग पीला हो तो समझें कि दूध में डिटर्जेंट की मिलावट है। इसके साथ ही दूध को खौलाते समय थोड़ा ध्यान देकर अगर नाक से सांस लें तो डिटर्जेंट की मिलावट जैसी दुर्गंध आती है। ऐसी स्थिति में समझ लें कि मिलावट है।


