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वाहन चलाते हैं तो खबर पढ़ लें… होने जा रहे हैं कुछ बदलाव

जयपुर। प्रदेश में सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग लाख कोशिश कर रहा है। हर साल लाखों रुपयों का बजट इसी बात पर खर्च दिया जाता है कि किस तरह से सड़क हादसों को रोका जाए, लेकिन अब प्रदेश में दूसरे राज्या का मॉडल लागू करने की तैयारी की जा रही है। यह मॉडल और तरीका होगा तमिलनाडु राज्य का, वहां क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे कम हादसे होते हैं। इस मॉडल को अपनाकर अब प्रदेश में भी सड़क हादसे रोकने और कम करने की तैयारी है। इसमे यातायात पुलिस और परिवहन विभाग साथ काम करेंगे। बड़ी जिम्मेदारी वाहन विक्रेताओं की भी होगी। इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। गौरतलब है कि इस बारे में सीएम ने अपने बजट घोषणाओं में भी कहा था।
वाहन विक्रेता होंगे सबसे महत्वपूर्ण कुंजी, ये सब काम करेंगे
पुलिस और परिवहन विभाग के अफसरों का कहना है कि वाहन विक्रेताओं पर बडी जिम्मेदारी रहेगी। जिस तरह तमिलनाडु में वाहन विक्रेता हादसे रोकने में मदद करते हैं उसी तरह अब यहां भी किया जाएगा। राजस्थान में अब डीलर प्वाइंट पर ही सड़क सुरक्षा कॉर्नर विकसित किए जाएंगे। इस सुरक्षा कॉर्नर में पोस्टर, बैनर और फ्लेक्स स्टैंड से क्रिएटिव प्रदर्शित किए जाएंगे। इनमें वाहन चलाते समय सेफ्टी गियर और हेलमेट पहनना, तेज गति, ओवरटेकिंग, नशे में वाहन चलाना, नींद और थकान में वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग नहीं करना, तय उम्र मे ही वाहन चलानान , बिना दस्तावेज वाहन नहीं चलाना, यातायात संकेत और अन्य नियमों के बारे में क्रियेटिव बनाकर जानकारी देनी होगी। सड़क सुरक्षा कार्नर पर डिजिटल सिग्नेचर बॉल और सेल्फी जोन भी स्थापित किया जाएगा। शोरूम में कार्यरत प्रतिनिधि आगंतुक का सड़क सुरक्षा कॉर्नर पर स्वागत करेगा और पूरी जानकारी देगा। प्रत्येक जिले से 3 सड़क सुरक्षा कांग्रेस का चुनाव कर परिवहन विभाग उनको इनाम भी देगा।
हर साल दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत होती है हादसों में
परिवहन विभाग के आंकड़ों की माने तो सड़क दुर्घटना के तहत सालाना करीब 10000 लोग अपनी जान गवाते हैं। वही देश में यह आंकड़ा करीब 1.5 लाख का है। साल 2017 में राजस्थान में 22112 सड़क दुर्घटना हुई, जिनमें 10444 लोगों की मृत्यु हुई। वहीं साल 2018 में प्रदेश में 21742 सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 10323 लोगों की जान गई। साल 2019 में प्रदेश में 30468 सड़क दुर्घटनाओं में 10561 लोगों ने अपनी जान गवाई और 22964 लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होकर घायल भी हुए। तमिलनाडु देश मे एक मात्र ऐसा राज्य हैं जहां सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आई हैं। ऐसे में अगर राजस्थान में भी यह मॉडल लागू हुआ तो प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी।

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