
बीयर का पुराना स्टॉक बेचने के लिए सरकार ने तोड़ा अपना ही नियम






जयपुर। कोरोना महामारी के कारण राजस्थान में आबकारी विभाग को हुए करोड़ों के नुकसान की भरपाई के लिए अब सरकार ने बीयर के पुराने बचे हुए स्टॉक को खपाने के एक्सपायरी डेट बढ़ा दी है। सरकार ने तय किया है कि 6 माह से अधिक पुराने हो चुकी बीयर की समायावधि को तीन माह बढ़ाया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग ने आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार बीयर की एक्सपायरी डेट उपभोग में लेने से पहले 6 से बढ़ाकर 9 माह कर दी है। जानकारी के अनुसार सरकार ने यह निर्णय कोरोना महामारी के कारण 4 माह तक नहीं बिके बीयर के स्टॉक की खपत बढ़ाने के लिए लिया गया है। वित्त विभाग के संयुक्त शासन सचिव ओंकार मल राजोतिया ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। प्रदेश में 31 मार्च से पहले की बनी हुई बीयर की करीब 4 लाख पेटी रखी हुई है। गर्मी के मौसम में बीयर की अधिक खपत होती है, लेकिन इस बार कोरेाना महामारी के कारण शराब की दुकानें करीब तीन माह तक नहीं खुली। दुकान खुली भी तो बीयर के खरीददार नहीं आए। ऐसे में गर्मी में बेचने के लिए तैयार किया गया स्टाक गोदामों में ही रखा रह गया। उधर सरकार के खुद के नियम हैं कि 6 माह से अधिक पुरानी बीयर को हानिकारक मानते हुए उसकी ब्रिकी बाजार में नहीं हो सकती है। अगर किसी शराब फैक्ट्री या लाइसेंसी दुकानदार के पास 6 माह पुरानी बीयर रखी होती हैं तो, उसे नष्ट करना जरूरी होता है। आबकारी विभाग के अधिकारियों की निगरानी में इसे नष्ट किया जाता है।उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार को आबकारी विभाग के साथ ही जीएसटी से मिलने वाले राजस्व में काफी कमी आई है। ऐसे में सरकार ने पिछले दिनों शराब पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो दिन पहले शाम उच्च स्तरीय बैठक लेकर आबकारी विभाग की समीक्षा की। इस बैठक में आबकारी विभाग से होने वाले राजस्व को लेकर चर्चा की गई। बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य, वित्त सचिव पृथ्वीराज व आबकारी आयुक्त जोगाराम मौजूद थे।

