
कोरोना महामारी के बीच एक और आई भयावह समस्या , मंडरा रहा महाविनाश का खतरा





नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस (Corona virus) ने तबाही मचा रखा है। रोजाना हजारों लोग इस महामारी से अपनी जिंदगी गवा रहे हैं। इन सब के बीच हमारी धरती के लिए एक और भयावह समस्या सामने आ गई है। दरअसल, दुनियाभर में बढ़ते प्रदूषण की वजह ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) बढ़ रही है। जिसका असर धरती के हर कोने पर पड़ रहा है।
ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) बढ़ने की वजह से धरती के हर कोने में बर्फ पिघल रहे हैं। जहां कभी बर्फ के बड़े-बड़े पहाड़ हुआ करते थे वे जगहें अब नदी में तब्दील हो रही है। Cryosphere Discussions Science Magazine में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 26 साल में धरती से 2 8 ट्रिलियन टन बर्फ खत्म हो चुकी है। यानी 28,000,000,000,000,000 किलोग्राम बर्फ खत्म हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 1994 से लेकर अब तक 28 ट्रिलियन टन बर्फ खत्म हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट इमेज (Satellite image) , पोल्स के बर्फ की डिटेल, पहाड़ों और ग्लेशियरों पर जमे बर्फ का डाटा लेकर उसका विश्लेषण किया। जिसमें पता चला कि बढ़ते हुए वैश्विक तापमान की वजह से बर्फ तेजी से पिघल रही है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर इसी तरह से बर्फ तेजी से पिघलती रहेगी तो धरती सूर्य की रोशनी को रिफलेक्ट नहीं कर पाएगा और सूरज की अल्ट्रवायलेट किरणों (Ultraviolet rays of the sun) की वजह से जीव-जंतुओं समेत इंसानों को भी नुकसान पहुंचेगा। रेडिएशन के अलावा इस पिघलती बर्फ की वजह सेसमुद्रों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। जितनी ज्यादा बर्फ पिघलेगी, उतना ज्यादा समुद्र का जल स्तर बढ़ेगा। समुद्र में पानी बढ़ने से कई देश और द्वीप पानी में डूब जाएंगे। बता दें कि समुद्र का जल स्तर अगर एक सेंटीमीटर ऊपर आता है तो उसका असर किसी भी देश के निचले इलाकों में रह रहे 10 लाख लोगों पर सीधे पड़ता है। ऐसे में ये आने वाले समय में बहुत खतरनाक हो सकता है।


