
आज से 4 दिन बंद रहेंगी राजस्थान की 247 अनाज मंडियां





जयपुर: प्रदेश की मंडियों में अगले चार दिन तक अनाज कारोबार प्रभावित रहेगा. कोरोना संक्रमण के बीच कारोबारी कृषि उत्पादन, व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश-2020 के प्रावधानों को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाएंगे. कारोबारियों का कहना है कि जो मंडी यार्ड में काम करते हैं, उन्हें लाइसेंस फीस, मंडी सेस, मंडी फीस, विकास शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क समेत केंद्र और राज्य के अन्य टैक्स अदा करने होंगे.
जो परिसर के बाहर कृषि जिंस का व्यापार करता है, उसे लाइसेंस और अधिकतर शुल्क से मुक्त रखा गया है. यह दोहरे प्रावधान उन्हें खत्म करेगा और कॉर्पोरेटर्स के हाथों में कृषि जिंस कारोबार की लगाम देगा.
प्रदेश में अनाज कारोबारी अपनी मांगों को लेकर विरोध परवान पर हैं. मंडी कारोबारियों ने जहां विरोध में मंडियों को बंद रखा है, वहीं केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न शुल्क का भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया है. चार दिन की हड़ताल और कारोबार बंद से अकेले राजस्थान के 13 हजार कारोबारी और चार लाख कामगार जिनमें श्रमिक, मुनीम सहित परिवहन से जुड़े तमाम दिहाड़ी लोग शामिल हैं, जो कोविड काल में आर्थिक परेशानियों का सामना करेंगे.
चार दिन तक कारोबार बंद रहने से 1800 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन है. इससे सरकारी राजस्व पर भी चोट पहुंचेगी. चार दिन की हड़ताल और कारोबार बंद से खुदरा बाजार में भी उत्पाद किल्लत संभावित है.
केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं में किसान को प्राथमिकता दी जाती रही है. केंद्र सरकार भी किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश-2020 लाई है लेकिन मंडी कारोबार विरोधी प्रावधान कारोबारियों के गले नहीं उतर रहे हैं. मंडियों में कारोबार बंद रहने से सबसे अधिक प्रभावित दिहाड़ी मजदूर है. कोरोना के चलते अन्य क्षेत्रों रोजगार संकट पहले से है, अगर समय रहते यह गतिरोध नहीं टला तो परेशानी हो सकती है.

