
नीट पीजी में सीटों का आवंटन को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला






जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट पीजी में एनआरआई कोटे की सीट आवंटन को लेकर महत्वपूर्ण फैसला दिया है.हाईकोर्ट ने निजी कॉलेजों में नीट पीजी में प्रवेश से जुड़े मामले में कहा है कि पीजी की सीटों का आवंटन सीट मैट्रिक्स और उसमें भी मेरिट के अनुसार ही प्रवेश दिया जाये.मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और जस्टिस पंकज भण्डारी की खण्डपीठ ने ये आदेश दिये है. राजस्थान हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने एकलपीठ के 10 जुलाई 2020 के आदेश को भी अपास्त करते हुए नीट पीजी काउंसलिंग बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह मेरिट के अनुसार ही सख्ती बरतते हुए योग्य अभ्यर्थियों को सीटों का आवंटन करे.गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 10 जुलाई को दिये आदेश में अभ्यर्थियों को उनकी पसंद के अनुसार महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे की सीटों को एनआरआई-मैनेजमेंट कोटे के तहत आवंटित करने का निर्देश दिया था. खण्डपीठ ने एकलपीठ के आदेश को रद्द करते हुए स्पष्ट किया कि अभ्यर्थी अपना हक मानते हुए एनआरआई कोटे की सीटों के आवंटन के लिए दावा नहीं कर सकते क्योंकि यह हक केवल निजी कॉलेजों को ही है. अदालत ने पीजी बोर्ड को निर्देश दिया कि वे सीटों का आवंटन मैट्रिक्स व मैरिट के अनुसार ही करें.यदि एकलपीठ के आदेश की पालना पालना में किसी अभ्यर्थी ने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज को कोई फीस का भुगतान किया है तो उसे वापस लौटाने के निर्देश दिए है.
एकलपीठ ने डॉ. निलय गुप्ता व अन्य की याचिका मंजूर करते हुए पीजी एडमिशन बोर्ड-2020 को कहा था कि वह एनआरआई कोटे के तहत प्रार्थियों को महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में रेडियो डाइग्नोसिस और गायनोलॉजी की सीटों का आवंटन करे. इस आदेश को काउंसलिंग बोर्ड ने खंडपीठ में चुनौती दी. खंडपीठ में राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. विभूति भूषण शर्मा और अधिवक्ता हर्षल ठोलिया ने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों ने मैट्रिक्स में एनआरआई कोटे की सीटों का ब्यौरा नहीं दिया था और उनके कोटे की सभी सीटों को मैनेजमेंट कोटे की बताया था. इस आधार पर ही नीट पीजी बोर्ड ने 14 अप्रैल की नोटिफिकेशन में कहा था कि इस साल निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटें नहीं हैं. यदि निजी मेडिकल कॉलेज उन्हें मैट्रिक्स में एनआरआई कोटे की सीटों का भी ब्यौरा देते तो वे एनआरआई कोटे में सीटों का आवंटन कर देते. बहस सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महान्ति और जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया.यह आदेश चेयरमैन नीट पीजी काउंसलिंग बोर्ड की अपील को मंजूर करते हुए दिए है.

