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भारत में कोरोना वैक्सीन पर बड़ी खुशखबरी

भारत में कोरोना वैक्सीन पर बड़ी खुशखबरी आई है. serum institute की वैक्सीन बाजार में आने को तैयार है। serum institute की कोविशिल्ड वैक्सीन 73 दिनों बाद देश में उपलब्ध हो जाएगी। केंद्र सरकार ने भी बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत ये वैक्सीन भारतीयों को मुफ्त में दी जाएगी। कोविशिल्ड, ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया कि सरकार ने उन्हें निर्माण प्राथमिकता लाइसेंस दिया है। शनिवार को पहला डोज 22 अगस्त, शनिवार को दिया गया । दूसरा डोज शनिवार से 29 दिनों के बाद दिया जाएगा और ट्रायल का अंतिम डेटा दूसरे डोज के 15 दिन बाद दिया जाएगा। इस तरह से पूरे प्रोसेज में 73 दिन लगेंगे।

कोरोना वैक्सीन को लेकर अब हर दिन नए अपडेट आ रहे हैं. सरकार ने भी अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में तीन कंपनियां वैक्सीन पर तेजी से काम कर रही हैं. वैसे तो WHO के कोविड वैक्सीन ट्रैकर डॉक्युमेंट के मुताबिक दुनियाभर में 30 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल्स के फेज में हैं.इस बीच केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि देश के लोगों को ये टीका मुफ्त में लगाया जाएगा. पोलियो की तरह ही कोरोना वैक्सीन को भारत सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन के तहत देश की जनता को मुफ्त में लगाएगी. इसके लिए अभी से सरकार ने बड़े पैमाने पर टीका खरीदने की तैयारी कर ली है. पुणे की बायोटेक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उम्मीद बढ़ा दी है, यह कंपनी कोरोना से बचाव के लिए ‘कोविशिल्ड’ नाम की वैक्सीन तैयार कर रही है. इस वैक्सीन की उम्मीद पर अब सरकार कह रही है कि देसी वैक्सीन इसी साल तैयार कर ली जाएगी. सीरम इंस्टीट्यूट हर महीने करीब 6 करोड़ डोज बनाने की तैयारी कर रहा है. जबकि इस क्षमता को अप्रैल 2021 तक 10 करोड़ डोज हर महीने कर दिया जाएगा.कंपनी ने कहा कि 71 दिन के भीतर बाजार में उपलब्ध कराने की खबर केवल एक कयास है. अभी कंपनी का फोकस ट्रायल पर है सरकार वैक्सीन तैयार कर रहीं कंपनियों को हर तरह की मदद बिना देरी किए पहुंचा रही है. सरकार का मानना है कि भारत की पहली कोरोना वैक्सीन ‘कोविशिल्ड’ साल के आखिर तक इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार जून 2021 तक सीरम इंस्टीट्यूट से 68 करोड़ कोरोना टीके खरीदेगी. यही नहीं, बाकी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है. सरकार हर एक जनता तक यह टीका पहुंचाएगी. सीरम से 68 करोड़ डोज खरीदने के बाद वैक्सीन की बाकी डोज सरकार ICMR और भारत बायोटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही Covaxine और निजी फार्मा कंपनी Zydus Cadila द्वारा विकसित की जा रही ZyCoV-D का ऑर्डर दे सकती है. हालांकि वैक्सीन का ट्रायल सफल होने के बाद ही यह संभव हो पाएगा. ( बता दें, 17 केंद्रों में 1600 लोगों के बीच ‘कोविशिल्ड’ वैक्सीन का ट्रायल 22 अगस्त से शुरू कर दिया गया है. इस प्रक्रिया में हर केंद्र पर लगभग 100 लोगों पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है. मिल रही जानकारी के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट ने Astra Zeneca नाम की कंपनी से ‘कोविशिल्ड’ वैक्सीन को बनाने के लिए अधिकार खरीदे हैं. इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट Astra Zeneca को रॉयल्टी का भुगतान क पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने बिजनेस टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि भारत सरकार ने हमें विशेष निर्माण प्राथमिकता लाइसेंस दिया है. इसके तहत हमने ट्रायल प्रोटोकॉल की प्रक्रिया को तेज कर दिया है, ताकि ट्रायल 58 दिनों में पूरा हो जाए. पहला डोज दिया जा चुका है, दूसरा डोज पहले डोज के 29 दिन बाद दिया जाएगा. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘सरकार से अभी केवल भविष्‍य में इस्‍तेमाल के लिए वैक्‍सीन के उत्‍पादन और भंडारण की अनुमति मिली है.’ कंपनी का कहना है कि COVISHIELD को तभी बाजार में उतारा जाएगा, जब इसका ट्रायल सफल होगा और रेगुलेटरी से इजाजत मिल जाएगी. वैक्‍सीन का फेज-3 ट्रायल चल रहा है. वैक्सीन निर्माण में तेजी लाने के लिए सीरम ने अपने प्लांट में बदलाव किया है और इसपर 200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. इस कंपनी के पास 165 दिनों में 150 करोड़ वैक्सीन बनाने की क्षमता है. बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन सीरम इंस्टीट्यूट को 1125 करोड़ रुपये देने पर सहमत हुआ है. ताकि ये कंपनी गरीब देशों को 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन का निर्माण और सप्लाई कर सके. सूत्रों के मुताबिक इस मदद के बाद सीरम इंस्टीट्यूट एक वैक्सीन की कीमत को 1000 रुपये से घटा कर 250 रुपये कर देगा.

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