
गणेश चतुर्थी पर Supreme Court का बड़ा फैसला






नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच शनिवार से गणेश चतुर्थी शुरू हो रहा है। गणेश पूजा को लेकर हर जगह जोर-शोर से तैयारियां चल रही है। लेकिन, इसी बीच गणपति उत्सव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि इस बार गणपति उत्सव मनाने की इजाजत नहीं होगी, क्योंकि भीड़ पर काबू करना मुश्किल है। दरअसल, इस समय त्योहार का सीजन चल रहा है। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण मंदिरों में बड़े कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। जन्माष्टमी के दौरान भी भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई थी। लिहाजा, गणेश चतुर्थी को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (स्ष्ट) ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस बार गणेश उत्सव मनाने की इजाजत नहीं होगी, क्योंकि ऐसे मौकों पर भीड़ को काबू करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, इस बीच कोर्ट ने 22, 23 अगस्त को पर्यूषण पूजा के मौके पर जैन भक्तों को मुंबई के तीन मंदिरों में पूजा-अर्चना करने की इजाजत दी है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि सरकार द्वारा धार्मिक स्थानों के लिए जो गाइडलाइंस जारी किए घए हैं, उसे पालन करना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मुंबई के दादर, बाइकुला और चेंबूर के जैन मंदिर में भक्तों को जाने की अनुमति होगी। लेकिन, कोरोना गाइडलाइंस को हर हाल में पालन करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश गणेश उत्सव जैसे त्योहारों पर लागू नहीं होगा। महाराष्ट्र सरकार के विरोध करने पर सीजेआई जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि जब मॉल या भीड़-भाड़ वाले इलाकों को खोलने की बात होती है, जहां से पैसे आते हैं तो सरकार पीछे नहीं हटती। लेकिन, धार्मिक स्थलों पर अनुमति देने में राज्य सरकार को परेशानी होती है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जगन्नाथ यात्रा का भी हवाला दिया और कहा कि कितने अच्छे से यह यात्रा संपन्न हुआ। यहां आपको बता दें कि कोरोना गाइडलाइंस के तहत अभी कहीं भी भीड़-भाड़ करने की इजाजत नहीं है। इतना ही नहीं कई जगहों पर अभी भी धार्मिक स्थलों को दोबारा नहीं खोला गया है।


