
विधानसभा सत्र के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल-विस्तार की सुगबुगाहट, मेघवाल- डोटासरा की होगी छुट्टी






जयपुर। विधानसभा में बहुमत साबित होने के बाद गहलोत सरकार पर पर आया सियासी संकट भले ही टल गया हो, लेकिन पार्टी के अंदर संकट अभी खत्म होने की बजाए और बढ़ गया है। सरकार और संगठन दोनों के लिए सबसे बड़ी परेशानी मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार को लेकर है।बताया जाता है कि मौजूदा विधानसभा सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद शुरू हो जाएगी। सितंबर के पहले सप्ताह में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल किया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस गलियारों में भी चर्चाओं का दौर तेज है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं। बताया जाता है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द दी दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
पायलट खेमे की वापसी ने बढ़ाई टेंशन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके समर्थक विधायकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी और चिंता का विषय पायलट खेमे की वापसी है। पायलट खेमे की बगावत के बाद कैबिनेट से तीन मंत्रियों की छुट्टी होने के बाद माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह देंगे, लेकिन पायलट खेमे की वापसी के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। पायलट खेमे को नजर अंदाज कर अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह दिलाना मुख्यमंत्री के लिए बड़ी चुनौती होगी।
9 पद रिक्त हैं गहलोत मंत्रिमंडल में
दरअसल गहलोत सरकार में संख्याबल के लिहाज से केवल मंत्रिमंडल में 30 ही मंत्री बनाए जा सकते हैं, मंत्रिमंडल में अभी 9 मंत्री और बनाए जा सकते हैं। पायलट खेमे के तीन कैबिनेट मंत्री भी इसमें शामिल हैं जिन्हें बगावत के चलते बर्खास्त कर दिया गया था। सूत्रों की माने तो पायलट खेमा तीन कैबिनेट और दो राज्यमंत्री के लिए दबाव बनाए हुए है। इसके अलावा एक डिप्टी सीएम का पद भी पायलट खेमा अपने पक्ष में चाहता है, हालांकि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट फिर से मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या नहीं ये अभी तय नहीं है।
गहलोत अपने समर्थकों की नाराजगी का डर
सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने समर्थक विधायकों की नाराजगी का डर सता रहा है। पिछले एक माह से विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जी जान से इसलिए जुटे थे कि उन्हें सरकार में भागीदारी मिलेगी, लेकिन अब बदले हालातों के बाद सभी को मंत्रिमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों में एड़जस्ट नहीं किया जा सकता। सूत्रों की माने तो सबसे ज्यादा नाराजगी सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों और बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों की देखने को मिल सकती है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सबसे ज्यादा गहलोत कैंप से ही बाहर आएगी।
मेघवाल- डोटासरा की भी होगी मंत्रिमंडल से छुट्टी
वहीं लंबे समय से गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में उपचार पर चल रहे सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल और हाल ही में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की भी मंत्रिमंडल से छुट्टी होना तय है।

