
धर्मग्रंथों की समीक्षा पर हो रहा मंथन,धर्मगुरूओं से लिये जा रहे सुझाव





खुलासा न्यूज,बीकानेर। भारतीय जन स्वाभिमान मंच का इस समय धर्मग्रंथों की समीक्षा विषय पर सुझाव लेने एवं मंच के उद्देश्यों से अवगत करवाने के लिए संपर्क अभियान चल रहा है। इससे कड़ी में मंच का शिष्टमंडल दो दिवसीय दौरे पर बीकानेर से जयपुर रवाना हुआ।
मंच का शिष्टमंडल आज सर्वप्रथम पूज्य श्री स्वामी सुमेधानंद सरस्वती जी महाराज, सांसद लोकसभा क्षेत्र सीकर सीकर से मिला और मंच के उद्देश्यों से स्वामी जी को अवगत करवाया।स्वामी जी से निवेदन किया कि आप मंच के उद्देश्यों को समझकर आप हमें सहमति एवं आशीर्वाद प्रदान करें। स्वामी ने मंच के परिपत्र को बहुत ही सावधानी पूर्वक अध्ययन किया और फिर अपने सुझाव मंच को दिए। स्वामी सुमेधानंद सरस्वती महाराज ने मंच को बताया कि आप जो यह कार्य कर रहे हैं। बहुत ही पुण्य एवं आने वाली पीढ़ी के लिए कल्याणकारी सिद्ध हो सकता है। यदि भारत सरकार मंच की मांग को मानकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशन में यदि संविधान पीठ का गठन करके सभी धर्मों के मुख्य मुख्य ग्रंथों की समीक्षा करवाती है, तो आने वाला समय भारतवर्ष के लिए बहुत ही सुखदाई प्रतीत होता है।उदयपुर में सभी धर्म के धर्म गुरुओं से अपील करता हूं कि उनको आगे आकर भारत सरकार से इस बात की मांग करनी चाहिए, ताकि भारत में शांति स्थापित हो सके ,भाईचारा स्थापित किया जा सके और भारत फिर से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो सके। उन्होंने मंच के शिष्टमंडल ने कहा कि यह कार्य जो आपने आरंभ किया है, यह बहुत ही कठिन डगर है। आपको लंबे समय तक इस पर डटे रहना होगा तब ही यह कार्य हो पाएगा। इसमें मेरी तरफ से जो भी जब भी मंच को आवश्यकता होगी मै ंपूर्णतया तैयार रहूंगा और यदि आवश्यकता पड़ेगी तो लोकसभा में भी मैं इस प्रसन्न को जोर-शोर से उठाएगा। शिष्टमंडल ने परम पूज्य अग्रपीठाधीश्वर डॉक्टर राघवाचार्य जी महाराज,रेवासा पीठ ,सीकर से मिलकर मंच के उद्देश्य से अवगत करवाया और महाराज श्री से आशीर्वाद लिया। महाराज श्री ने शिष्टमंडल की बात को ध्यान से सुनना और उन्होंने अपने विचार रखते हुए इस मंडल को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि हम संतों का कार्य जो मंच कर रहा है जो बहुत ही पुण्य कार्य है। मैं संत समाज से भी अपील करूंगा कि वह आगे आए और इस कार्य में मंच की सहायता करें।उन्होंने कहा कि मंच को सभी धर्मों के धर्मगुरुओं से मिलकर सहमति प्राप्त करनी चाहिए।
शिष्टमंडल सीकर से जयपुर पहुंचा और जयपुर में परम पूज्य आचार्य अवधेश कुमार महाराज, गलता पीठ जयपुर से मिला। आचार्य श्री को मंच के उद्देश्य से अवगत करवाते हुए मंच का परिपत्र महाराज श्री को सौंपा और उनसे आशीर्वाद स्वरुप सहमति पत्र लेने की विनती की। महाराज श्री ने बहुत ही चित्र है शिष्टमंडल को आज के समय में धर्म की और धर्म ग्रंथों की स्थिति से अवगत करवाया। उनका कहना था कि संत का कार्य धर्म को स्थापित करना होता है ,लेकिन आज के समय में संत अपने आप को स्थापित करने में लगा हुआ है,इसलिए धर्म नष्ट राष्ट्रवादी विचारों को आगे आकर यह कार्य करना पड़ रहा है, जो बहुत ही पुन्य कार्य है। महाराज श्री ने शिष्टमंडल को आशीर्वाद देते हुए अपना सहमति पत्र प्रदान किया।
मंच के शिष्टमंडल में सूरजमाल सिंह नीमराणा,गोस्वामी शिशपाल गिरी,गोपाल सिंह,विष्णु सिंह राजपुरोहितआदि गणमान्य लोगों ने महाराज श्री से आशीर्वाद लिया और हो संदेशा धर्म, संस्कृति और राष्ट्रवाद से जुड़े मुख्य मुख्य बिंदुओं पर कार्य करने का भरोसा दिलाया।

