
गहलोत सरकार ने 12.5 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को दी बड़ी राहत- पढ़े पूरी खबर





जयपुर। अशोक गहलोत सरकार ने कोरोना काल में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है. सरकार ने जीपीएफ, सीपीएफ और अन्य बचत योजनाओं में ब्याज दरें स्थिर रखी हैं. जीपीएफ, सीपीएफ और अन्य बचत योजना में ब्याज दर 7.1 प्रतिशत ही रहेगी. वित्त विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार सरकार ने ब्याज दरों में कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से करीब साढ़े 12 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी राहत मिली है.
गत बार सरकार ने घटा दी थी ब्याज दर
सरकार ने इससे पहले 30 अप्रैल, 2020 को जीपीएफ और सीपीएफ के तहत जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.8 फीसदी की कटौती की थी. इस कटौती से सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा था. सरकार ने ब्याज दर घटाकर 7.1 फीसदी कर दी थी. पहले ये ब्याज दर 7.9 फीसदी थी. वित्त विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार नई दरें 1 जुलाई 2020 से लागू होंगी. ये 30 अक्टूबर 2020 तक प्रभावी रहेंगी.
ब्याज दर की समीक्षा हर 3 महीने की जाती है
उल्लेखनीय है कि राज्य में जीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर की समीक्षा हर 3 महीने की जाती है. क्योंकि कोरोना वायरस कारण इससे पहले भी राज्य एवं केंद्र सरकार ब्याज दरों में कटौती कर चुकी है. इस बार भी कटौती करने का खतरा मंडरा रहा था. लेकिन राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में फिलहाल ब्याज दरें स्थिर रखने का निर्णय लिया है.
रिटायरमेंट के बाद किया जाता है भुगतान
जीपीएफ अकाउंट में सरकारी कर्मचारी को इंस्टॉलमेंट में एक निश्चित वक्त तक योगदान देना होता है. अकाउंट होल्डर जीपीएफ खोलते वक्त नॉमिनी भी बना सकता है. अकाउंट होल्डर को रिटायरमेंट के बाद इसमें जमा पैसों का भुगतान किया जाता है. वहीं अगर अकाउंट होल्डर को कुछ हो जाए तो नॉमिनी को भुगतान किया जाता है. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से राज्य सरकार की अर्थव्यवस्था जबर्दस्त को झटका लगा है. लॉकडाउन के चलते अप्रैल में सरकार की आय में करीब 70 फीसदी की गिरावट आ गई थी. सबसे बड़ा झटका स्टेट जीएसटी से लगा है.


