
वाह रे सरकार! अनियमितता पर शिकायत के बाद भी चुप्पी,मनरेगा में जमकर गड़बड़झाला






बीकानेर। एक ओर तो राज्य सरकार व जिला प्रशासन के आलाधिकारी मनरेगा में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या गड़बड़ी को सहन न करने के दावे करते है। लेकिन उनके दावे कितने सार्थक है। इसकी बानगी बीकानेर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत गुंसाईसर के मनरेगा कार्यों में देखने को मिल सकती है। जिसमें लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। हालात यह है कि यहां ग्रामीणों के जॉब कार्ड में ही गड़बड़झाला है। एक ही नाम के दो से चार कार्ड बने हुए है। मंजर यह है कि इन जॉब कार्ड में नामित नाम एक ही दिन में अलग अलग जगह काम करते दिखाएं जा रहे है। जिनकी शिकायतों के बाद भी स्थानीय प्रशासन आंखे मूंदा बैठा है। इससे भ्रष्टाचार की जांच करवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों का एक दल जिला कलेक्टर से मिला और एक ज्ञापन सौंपा। गुंसाईसर निवासी पूनमचंद जाखड़ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में ग्राम पंचायत के सरपंच व ग्राम सेवक पर की मिलीभगती से मनरेगा में भ्रष्टाचार करने की बात कही है।
आशा सहयोगी भी लगी है मनरेगा कार्य में
ज्ञापन में अवगत करवाया गया है कि गुंसाईसर में चल रहे मनरेगा कार्यों में सरपंच व ग्राम सेवक द्वारा बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिसमें सोहनलाल पुत्र गोपालराम के नाम से एक जॉब कार्ड बना हुआ है। इस जॉब कार्ड में सोहनराम के साथ उनकी पत्नी सुनीता का भी नाम दर्ज हुै तथा सुनीता द्वारा चचाणा तलाई खुदाई एवं पायतन सुधार कार्य पर 16 मई से 30 मई 2020 तक कार्य करना बताया है। इसी प्रकार 1 जून से 15 जून 2020 तक साईणा तलाई खुदाई एवं पायतन सुधार कार्य पार्ट चतुर्थ पर कार्य करना बताया है जो कि पूर्णतया झूठा व फर्जी है, क्योंकि सुनीता आशा सहयोगिनी है तथा राजकीय चिकित्सालय गुंसाईसर में ही कार्यरत है तथा सरकार से वेतन प्राप्त कर रही है।
एक ही व्यक्ति के एक से ज्यादा जॉब कार्ड
मजे की बात तो यह है कि एक ही व्यक्ति के नाम से अनेक जॉब कार्ड बने हुए है। जो एक ही समय व एक ही दिनांक में एक साथ कार्य करना बताया गया जा रहा है।जो कि संभव ही नहीं है। गांव के परमाराम पुत्र मालाराम मेघवाल के नाम से चार जॉब कार्ड चल रहे है जबकि इस नाम का गांव में केवल एक ही व्यक्ति है। इसी प्रकार पोकरराम पुत्र कालूराम के नाम से दो जॉब कार्ड बने है, सीताराम पुत्र ताजूराम के नाम से दो, बजरंगलाल पुत्र दानाराम के नाम से तीन, मूलाराम पुत्र नारायण के नाम से दो, रामचन्द्र सुथार पुत्र नारायण के नाम से दो, श्रीकृष्ण पुत्र रेखाराम के नाम से दो, दुर्गादत्त पुत्र सत्यनारायण के नाम से दो जॉब कार्ड बने है जबकि इन नामों से पूरे गांव में एक-एक व्यक्ति ही है।
ऐसे अनेक मामले है,जांच हो तो हो उजागर
शिष्टमंडल ने जिला कलक्टर को बताया कि यह तथ्य तो केवल उदाहरण मात्र है इस प्रकार के सैंकड़ों जॉब कार्ड फर्जी तरीके से चल रहे है। इस घोटाले की निष्पक्ष व सक्षम अधिकारी से जांच हो तो कई ओर भ्रष्टाचार उजागर हो जाएगा। यहां सरपंच व ग्राम सेवक के द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसके संबंध में एक जांच कमेटी का गठन कर संपूर्ण मामले की जांच करवाने और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने की मांग की गई है।


