मानवीय संवेदना दिखाते हुए आपात परिस्थितियों में पुलिस करें आमजन का सहयोग : कलेक्टर मेहता
जिला मजिस्ट्रेट ने निषेधाज्ञा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को दिए निर्देश
आवश्यक विभाग के कर्मचारियों के साथ समन्वय रखने को कहा- मेहता
आवश्यक विभाग के कर्मचारियों के साथ समन्वय रखने को कहा- मेहता
बीकानेर । जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा की कोविड-19 के चलते शहर के जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की हुई है इसकी प्रभावी तरीके से अनुपालना होनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से घरों से बाहर ना निकले। साथ ही पुलिस और एरिया मजिस्ट्रेट यह भी सुनिश्चित कर लें कि बहुत जरूरी काम जिसमें चिकित्सा से संबंधित आपात यह आवश्यक दवा लेने जा रहे व्यक्ति के प्रति मानवीय संवेदना दिखाते हुए जाने की अनुमति दी जाए।
साथ ही आवश्यक सेवाओं में जो विभाग कार्य कर रहे हैं उनके अधिकारियों व कार्मिकों को भी अपने कार्य स्थल तक जाने में किसी तरह की परेशानी ना हो इसका भी ध्यान रखा जाए।
मेहता ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह कृष्णियां सहित पुलिस के विभिन्न अधिकारियों और प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों की यह नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि भ्रमण के दौरान अगर कोई व्यक्ति घर के बाहर आवश्यक सामान खरीदने के लिए बाहर आता है तो उसे यह समझाइश भी करें कि वह घरों से बाहर ना निकले क्योंकि यह निषेधाज्ञा कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए और आपके स्वास्थ्य में जल्दी सुधार तथा रोगी का चिन्हीकरण के लिए की गई है। इस व्यवस्था को वे अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य से जोड़ कर देखें। साथ ही अगर किसी प्रशासनिक अथवा पुलिस के अधिकारी को ऐसा लगता है कि कोई व्यक्ति परेशानी में है तो उसकी मदद करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाएं ताकि आमजन का पुलिस और प्रशासन के साथ रिश्ता मधुर बने ।
साथ ही आवश्यक सेवाओं में जो विभाग कार्य कर रहे हैं उनके अधिकारियों व कार्मिकों को भी अपने कार्य स्थल तक जाने में किसी तरह की परेशानी ना हो इसका भी ध्यान रखा जाए।
मेहता ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह कृष्णियां सहित पुलिस के विभिन्न अधिकारियों और प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों की यह नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि भ्रमण के दौरान अगर कोई व्यक्ति घर के बाहर आवश्यक सामान खरीदने के लिए बाहर आता है तो उसे यह समझाइश भी करें कि वह घरों से बाहर ना निकले क्योंकि यह निषेधाज्ञा कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए और आपके स्वास्थ्य में जल्दी सुधार तथा रोगी का चिन्हीकरण के लिए की गई है। इस व्यवस्था को वे अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य से जोड़ कर देखें। साथ ही अगर किसी प्रशासनिक अथवा पुलिस के अधिकारी को ऐसा लगता है कि कोई व्यक्ति परेशानी में है तो उसकी मदद करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाएं ताकि आमजन का पुलिस और प्रशासन के साथ रिश्ता मधुर बने ।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में दूध, फल सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध रूप से रहे इसके लिए भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं । नगर निगम तथा पानी , बिजली से संबंधित अधिकारी जब सुबह या देर शाम कार्यस्थल पर आए तो उनके कार्य की अनिवार्यता को देखते हुए पुलिस पूरा सहयोग करें और उनके आवश्यक पहचान पत्र देखने के बाद उन्हें आने-जाने की अनुमति दें।