
राजस्थान मंत्रिमंडल का होगा विस्तार,इनको मिल सकता है पद





जयपुर। राजस्थान में राज्यसभा की 3 में से 2 सीटों पर कब्जा करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिपरिषद में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कसरत में जुट गए हैं। आज को होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद मंत्रिपरिषद में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियां होंगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पार्टी के संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल व प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे के साथ प्रारंभिक दौर की बातचीत हो चुकी है। अब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद गहलोत कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ चर्चा करेंगे। मंत्रिपरिषद विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थकों को उतना ही महत्व मिलेगा, जितना करीब पौने दो साल पहले सरकार गठन के समय मिला था।
परफॉर्मेंस का आंकलन कर रहे सीएम और आलाकमान
गहलोत सरकार में अभी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अतिरिक्त 23 मंत्री हैं। 200 सदस्यीय विधानसभा में 15 फीसदी मंत्री बनाए जाने के नियम के तहत 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस लिहाज से 7 मंत्री बनाने को लेकर गहलोत कसरत में जुटे हैं। मौजूदा मंत्रियों में से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल को हटाए जाने को लेकर सीएम ने वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की है।मेघवाल लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। उनके स्थान पर परसराम मोरदिया अथवा जे.पी.चंदेलिया को मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। फेरदबल में परफॉर्मेंस, जातीय-क्षेत्रीय समीकरण और सुटेबलिटी को प्रमुख मापदंड बनाया जाएगा। अविनाश पांडे ने भी निकट भविष्य में मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के जल्द होने के संकेत दिए हैं। अविनाश पांडे ने कहा कि परफॉर्मेंस का लगातार आकलन हो रहा है। बेहतर परफॉर्मेंस वाले साथियों को मौका दिया जाएगा।जानकारी के अनुसार फेरबदल में नॉन परफॉर्मर मंत्री बाहर होंगे। उनकी जगह नए चेहरों को मौका मिलेगा। राज्यसभा चुनावों में सभी 13 निर्दलीय विधायकों के साथ ही भारतीय ट्राइबल पार्टी व माकपा के वोट लेने के बाद आलाकमान की नजरों में गहलोत एक बार फिर खुद को कुशल रणनीतिकार साबित करने में सफल रहे हैं। ऐसे में अब गहलोत को अपनी पसंद के हिसाब से टीम का पुनर्गठन करने में भी आलाकमान की तरफ से पूरी छूट मिल सकती है।
12 जिलों को अब तक नहीं मिला प्रतिनिधित्व
निर्दलीय और बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए विधायकों में से कम से 3 को मंत्री और 4 को चयरमैन बनाया जाना तय माना जा रहा है। इसके अलावा पूर्व मंत्री डॉ राजकुमार शर्मा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।इनमें बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों में राजेंद्र गुढ़ा व जोगेंद्र अवाना व वाजिब अली को मंत्रिपरिषद अथवा राजनीतिक नियुक्तयों में स्थान मिलना लगभग तय है। वहीं निर्दलीयों में संयम लोढ़ा, खुशवीर सिंह जोजावर,राजकुमार गौड़ व ओमप्रकाश हुडला को चेयरमैन बनाया जा सकता है। गहलोत कैबिनेट में अभी 12 जिलों से कोई मंत्री नहीं हैं।

