डिस्पेंसरी ६ में लगी आग, आवश्यक कागजात आग के हवाले






आग या कहानी जांच का विषय
बीकानेर। नत्थुसर गेट के बाहर स्थित डिस्पेंसरी ६ में शाम के समय अचानक एक कमरे से धुआ उठता देख एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने भाग देखा तो पूरे कमरा धुंआ से भरा हुआ था इस पर उसने तुरंत ही अस्पताल के स्टाफ को सूचना देने पर मौके कम्पयूटर ऑपरेटर आन्नद कुमार भगाकर आए और फायर सिस्टम से आग पर काबू करने की कोशिश लेकिन आग तेज होने के कारण आग पर काबू नहीं किया जा सका। जानकारी के अनुसार डिस्पेंसरी ६ में सुबह का समय अस्पताल का समय खत्म करके सभी स्टाफ अपने घर चले गये थे। शाम को चार बजे जब कर्मचारी शोकत अस्पताल पहुंचे और अपने काम में लग गये थोडी देर में उनको कुछ जलने का अहसास हुआ तो उन्होने देखा कि अस्पताल के टीकाकरण कक्ष मे से धुंआ निकल रहा है उन्होंने तुरंत कमरे को खोला और देखा तो पूरा कमरा धुंआ से भरा हुआ था और आग लगी हुई थी उसके समझ नहीं आया कि क्या किया जाये उसने शोर मचाया तो मौके पर एक कम्पयूटर ऑपेरटर आनन्द कुमार मौजूद था वह मौके पर आया और तुरंत फायर सिस्टम से आग पर काबू करने की कोशिश की उसके साथ महिर भादाणी ने कोशिश की लेकिन आग तेज होने के कारण आग पर काबू पाने में असमर्थ हुए तो महिर भादाणी ने तुरंत कट्रोल रुम में आग की सूचना दी आग की सूचना मिलते ही १० मिनट के भीरत ही फायर बिगे्रड की दमकल मौके पर आकर आग पर काबू किया तब काफी सामान जलकर राख हो गया। जानकारी ऐसी मिली है कि टीककरण कक्ष में बच्चों को लगाने वाली वैक्सीन रखी हुई थी और कुछ जररुरी कागजात भी था जो जलकर राख हो गये। आग की सूचना मिलने पर मौके पर नयाशहर थाने से पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। प्रथमद्ष्टया आग का लगना शार्टसर्किट बताया जा रहा है। लेकिन जांच के बाद ही पता चलेगा कि आग किस तरह से लगी है। ये जांच का विषय है। आग लगी या कोई इसके पीछे कहानी है।
शिकायतों का अंबार है अस्पताल में
डिस्पेंसरी ६ में अगर देखा जाए तो शिकायतों का अंबार लगा हुआ है ये पर कभी भी स्टाफ समय पर नहीं आता है आज आग लगने के समय भी पूरा स्टाफ अस्पताल में मौजूदा नहीं था बस दो तीन कर्मचारियों अलावा कोई नही था। अगर समय रहते कर्मचारियों की सूझबूझ काम नहीं आती तो अस्पताल का बड़ा हिस्सा आग के हवाले हो जाता।
बाहरी हस्तेक्षप अस्पताल में
प्राय: शिकायत मिलती है कि अस्पताल में बाहरी लोगों को काफी हस्तेक्षप रहता है। प्राय: देखा जाता है कि आसपास के दवाई के दुकानदार व ्रलेबोटेरी वाले अस्पताल समय में अस्पताल में घुमते नजर आते है। जिसके कारण मरीजों को परेशानी होती रहती है लेकिन अस्पताल प्रशासन इनको नहीं रोकता है इनका हस्तेक्षप अस्पताल में होने वाले हर सरकार कार्य में अपना हस्तेक्षप करते है।
जांच के बाद पता चलेगा आग या कहानी
शनिवार शाम को लगी की जांच का बाद ही पर्दा उठेगा कि ये आग सच में शार्टसर्किट था या इसके पीछे भी कोई कहानी छिपी है


