
आखिर क्यों मौन है सरकार,लापरवाही के बाद भी साध रखी है चुप्पी,देखे विडियो





बीकानेर। राज्य सरकार ने पहली सुख निरोगी काया का एक नारा देकर आमजन के स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता के प्रति अपनी जबाबदेही की पहल की। लेकिन संभाग के पीबीएम अस्पताल में जो हालात है,उसको देखकर सरकार के इस नारे की कोई अहमियता नजर नहीं आती। जिस कोरोना संक्रमण का संदेश देने के लिये सरकार ने कोरोना जागरूकता अभियान चलाया। उसकी शुरूआत से पहले ही बीक ानेर के कोविड सुपर स्पेशलिटी सेन्टर से जो विडियो वायरल हुआ। उसने न केवल सरकार के अभियान पर बल्कि जिला व पीबीएम प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए है। जानक ारी के अनुसार कोविड सुपर स्पेशलिटी सेन्टर में भर्ती कोरोना पॉजिटिव की मौत की खबर आई। इस मरीज की यह मौत कोई सामान्य नहीं थी। बल्कि इसमें कही न कही पीबीएम प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। यहां भर्ती मरीज से जब खुलासा संवाददाता ने बातचीत की तो सामने आया है कि जिस मरीज की मौत हुई। उसकी सही समय पर इलाज नहीं हो पाया। हालांकि चिकित्सक हार्ट अटैक को उसकी मौत का कारण बता रहे है और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर मृतक की बेटी और यहां भर्ती मरीजों के कहे अनुसार जल्दी से चिकित्सकी स्टाफ सुन लेता तो शायद उसकी मौत नहीं होती।
https://youtu.be/o2CmEkUlW3k
कोविड सेन्टर में ही नहीं हो रही सफाई
कोविड के बचाव के लिये सफाई का संदेश देने वाले सरकारी फरमान की किस तरह बानगी है। यह भी किसी से छिपा हुआ नहीं है। सुपर स्पेशलिटी में किस तरह सफाई व्यवस्था के हाल है। इसके विडियो भी रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इतना ही नहीं आज आएं विडियो में साफ दिखा दे रहा है कि किस तरह अस्पताल में स्थित टायलेट के बाहर व भीतर गंदला पानी पसरा हुआ है। वहीं यहां पड़ डस्टबिन में भी कचरे का भरमार है।
सोशल मीडिया पर यह मैसेज और विडियो वायरल….
सभी भाइयों को मेरा नमस्कार मैं पिछले 6 दिन से कोविड हॉस्पिटल में एडमिट हूं। ये जो बाथरूम के आगे जो मरीज पड़ा हुआ है ।ये मेरे पास वाले बेड पर एडमिट था कल रात को अचानक इसकी तबियत बिगड़ी थी इसके साथ में इसकी 16 साल की लड़की भी एडमिट थी इसकी लड़की ने स्टाफ वालों को अपने पापा की तबियत के बारे में बताया और उनको दवाई देने के बारे में बोली रात को उनको दवाई देकर चले गए ग्लूकोज लगाने का भी बोला सुबह तक उनकी कोई ड्रीप नहीं लगी। सुबह जब मरीज टॉयलेट करने गया ज्यादा समय होने के बाद वह बाहर नहीं निकला। तब उसकी लड़की ने उसको जाकर देखा तो वह टॉयलेट में बेहोश पड़ा था तो वह लड़की तुरंत भाग कर स्टाफ वालों को बोलकर आयी। जब स्टाफ वाले वहा नहीं पहुंचे तो वह लड़की हमारे पास आई और हमसे मदद मांगी तब मैं और मेरा भाई ने स्टाफ वालों को और उनके बीच एक रेजिडेंट था। तो हमने उनको जाकर बोले तो उन्होंने हमें वहां से भगा दिया और बोले कि हम आ रहे है फिर भी वो नहीं पहुंचे। तभी मैंने और मेरे भाई ने जल्दी से ग्लोव्स पहने और टॉयलेट में घुसे इते में एक महिला नर्स पहुंची और हम तीनों ने मिलकर बड़ी मुश्किल से उन्हें बाहर निकाला। फिर कई देर बाद वहां एक रेजिडेंट डॉक्टर पहुंचा। इते में उस मरीज ने अपनी अंतिम सांस ले ली थी । यहां पर बहुत ज्यादा लापरवाही चल रही है सभी स्टाफ वाले कहां घुसे हुए होते है। कुछ पता नहीं एक भी स्टाफ यहां नर्स नहीं रहता है। तो मेरी इस पोस्ट को आप बीकानेर कलेक्टर तक पहुंचाये ताकि यहां पर जल्द से जल्द स्टाफ वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाए। इनकी लापरवाही को रोक जाए।

