
गोचर संरक्षण के लिए संत समाज 27 जनवरी को अनिश्चितकालीन धरना देंगे




गोचर संरक्षण के लिए संत समाज 27 जनवरी को अनिश्चितकालीन धरना देंगे
बीकानेर। साधु-संत समाज, सामाजिक संगठनों के मुखिया, अखिल भारतीय गौवंश गोचर संरक्षण संस्थान बीकानेर एवं गोचर ओरण संरक्षक संघ राजस्थान की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस सोमवार को रानीबाजार स्थित गोदावरी पैलेस में सम्पन्न हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में महामण्डलेश्वर सरजुदास महाराज ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा 01 सितंबर 2025 के नोटिफिकेशन के माध्यम से गोचर भूमियों को बीकानेर विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज किए जाने के आदेश पूरे प्रदेश के गौसेवकों व संत-समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि आगामी मास्टर प्लान 2023-2043 में शरह नथानिया, सुजानदेसर, भीनासर और उदयरामसर सहित लगभग 40 हजार बीघा गोचर भूमि का उपयोग आवासीय व कॉमर्शियल श्रेणी में प्रस्तावित किया गया है, जो कानून के विपरीत है।
सन्त-समाज ने आरोप लगाया कि पिछले चार माह से आन्दोलन जारी रहने के बावजूद सरकार व प्रशासन ने गोचर भूमि को पुन: पूर्व स्थिति में दर्ज करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, जिसके चलते जनआक्रोश तेजी से बढ़ रहा है। शिवबाड़ी पीठाधीश्वर विमर्शानन्द महाराज ने घोषणा करते हुए कहा कि यदि 27 जनवरी 2026 तक नोटिफिकेशन (17.04.2025 व 01.09.2025) वापस लेकर गोचर भूमि को उसके मूल खाते में बहाल नहीं किया गया, तो सन्त-समाज, सर्व-समाज, गौपालक व आमजन जिला कलक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। संघर्ष के दौरान कर्मिक अनशन, बीकानेर बन्द, भूख-हड़ताल सहित सभी प्रकार के विरोध-प्रदर्शन किए जाएंगे।
इसके अलावा उन्होंने बिश्नोई समाज द्वारा चलाए जा रहे खेजड़ी संरक्षण आंदोलन को भी पूर्ण समर्थन घोषित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि गोचर भूमियों में लगभग 3-4 लाख खेजड़ी वृक्ष मौजूद हैं, इसलिए संत समाज दोनों आंदोलनों को एकसाथ चलाएगा।
मनोज सेवग ने जानकारी दी कि 27 जनवरी के प्रस्तावित धरने में देशभर के अनेक संत अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर चुके हैं। अनुमान है कि 200 से 500 साधु-संत स्थायी रूप से धरने में शामिल रहेंगे। वहीं कुछ महंतों-संतों ने वीडियो संदेश जारी कर आंदोलन को समर्थन देने व उपस्थिति का आह्वान किया।
प्रेस को गोचर आंदोलन से जुड़ी कार्यवाहियों की जानकारी संयोजक शिव कुमार गहलोत ने दी और संत-समाज के सानिध्य में आंदोलन को और अधिक तेज करने की अपील की।
कार्यक्रम में महामण्डलेश्वर सरजुदास महाराज, विमर्शानन्द महाराज, महन्त शंकरपुरी, योगी सुरजनाथ, योगी विलासनाथ, महन्त सुभाषगिरी, योगी ओमनाथ, योगी रामनाथ, योगी दीपकपुरी, विश्वतगिरी, पन्नानथ, विमलगिरी, मदनदास, आकाशानन्द महाराज सहित अनेक सन्त-महात्मा एवं सामाजिक प्रतिनिधि मौजूद रहे।




