
पंचायतीराज और स्थानीय निकायों चुनावों में पर्दा, बुर्का या घूंघट पहने महिलाएं नहीं डाल सकेंगी वोट, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन




पंचायतीराज और स्थानीय निकायों चुनावों में पर्दा, बुर्का या घूंघट पहने महिलाएं नहीं डाल सकेंगी वोट, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन
जयपुर। प्रदेश में होने वाले अगले के पंचायतीराज और स्थानीय निकायों चुनावों में पर्दा, बुर्का या घूंघट पहने महिलाएं वोट नहीं डाल सकेंगी। पहचान के बाद ही उन्हें वोट डालने दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पोलिंग पार्टियों के गठन को लेकर जारी निर्देशों में पर्दा या बुर्का पहने महिलाओं की पहचान के लिए महिला कर्मचारियों की मदद लेने को कहा है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा- यह हर चुनाव में होता है, नया आदेश नहीं है। हमने पुराने समय में जारी होते रहे आदेशों को ही फिर से जारी किया है। पंचायतीराज, स्थानीय निकाय से लेकर लोकसभा, विधानसभा चुनावों में वोटर्स की पहचान का एक समान तरीका रहता है। वोटर की पहचान के लिए वोटर आईडी कार्ड या मान्यता प्राप्त आईडी के साथ जाना होता है।
महिला कर्मचारियों का सहयोग लेने का प्रावधान
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- पोलिंग बूथ पर पहले नाम के साथ फोटो मैच किया जाता है। महिला वोटर्स के मामले में कई बार दिक्कत आती है। पोलिंग बूथ पर अगर सभी पुरुष कर्मचारी हो तो कई बार स्थानीय परंपराओं के हिसाब से महिलाएं घूंघट, पर्दा हटाकर चेहरा दिखाने पर आपत्ति करती हैं। इस पर कई बार विवाद होते हैं। इन विवादों को टालने के लिए महिला कर्मचारियों का सहयोग लेने का प्रावधान है।
पहचान के लिए स्थानीय महिला कर्मचारी की मदद
राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय पंचायत चुनावों की पोलिंग पार्टी में महिलाओं की ड्यूटी नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं। वोटिंग करवाने वाली पोलिंग पार्टी में पुरुष ही होंगे। ऐसे में वोट करने आने वाली पर्दा, बुर्काधारी महिला वोटर्स की पहचान के लिए वहां की स्थानीय महिला कर्मचारी जैसे ग्राम सेवक, पटवारी या महिला शिक्षक, आगंनबाड़ी वर्कर की सहायता लेने के आदेश दिए हैं।




