
गोरधन सिंह पर हुए जानलेवा हमले में कोर्ट ने आरोपियों की जमानत की खारिज




गोरधन सिंह पर हुए जानलेवा हमले में कोर्ट ने आरोपियों की जमानत की खारिज
बीकानेर। गांव नारसीसर में गोरधन सिंह पर हुए जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने आरोपियों मंजीत सिंह और प्रदीप सिंह को जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश सरिता नौशाद ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह आदेश दिया।
सात नवंबर 2025 की शाम गोरधन सिंह को फोन कर गांव की गुवाड़ में बुलाया गया। वहां पहले से मौजूद प्रदीप सिंह ने उसे पकड़ लिया और फिर मंजीत सिंह, छैलू सिंह व अन्य लोगों ने कुल्हाडिय़ों से हमला कर दिया। हमले में गोरधन सिंह को गंभीर और जानलेवा चोटें आई। बीच-बचाव करने आए हिम्मत सिंह का मोबाइल तोड़ दिया गया, वहीं गोरधन का मोबाइल और बटुआ भी छीन लिया गया। घटना के बाद घायल गोरधन सिंह को गंभीर हालत में बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में सिर और आंख के पास फ्रैक्चर सहित कई गंभीर चोटें पाई गईं, जिन्हें डॉक्टरों ने प्राणघातक बताया। आरोपियों की ओर से अदालत में दलील दी गई कि उन्हें झूठा फंसाया गया है
कोर्ट ने केस डायरी, मेडिकल रिपोर्ट और सभी तथ्यों पर विचार करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं और आरोपियों पर जान से मारने की नीयत से हमला करने का आरोप है, इसलिए इस स्तर पर जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने मंजीत सिंह और प्रदीप सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी। परिवादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता पूनमचंद मारु व पीपी सोहननाथ सिद्ध ने की।




